आयुर्वेदिक के ये सरल नुस्खे बचाएं आपको हार्ट अटैक जैसी खतरनाक बीमारी से…
भोपाल। अव्यवस्थित जीवनशैली और लगातार हो रहे खानपान के बदलाव ने अनेक रोगों को जन्म दिया है। ऐसे में आज हर कोई भागदौड़ में लगा हुआ है, जीवनशैली में आए इन बदलावों के कारण दिल से जुड़ी कई परेशानियां भी लगातार सामने आ रही हैं।
इसी के चलते आज काफी कम उम्र के लोगों को भी दिल की बीमारियों से गुजरना make your heart strong and Disease free पड़ रहा है। आयुर्वेद के डॉक्टर राजकुमार का कहना है कि लगातार बदल रहे समय में लोगों को दिल की देखभाल पर खास ध्यान देने की जरूरत है, इसमें यह कतई जरूरी नहीं है कि आप किसी दवा का ही सहारा लें।
वैसे तो इसके लिए व्यायाम सबसे अच्छी दवा का रूप है, लेकिन यदि आप आयुर्वेदिक नुस्खों पर यकीन करते हैं तो ऐसे कई नुस्खे हैं जो आपके दिल को मजबूत make your heart strong and Disease free बनाने का काम करते हैं।
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दिल को मजबूत बनाने वाले आयुर्वेदिक तरीके
1. कोलेस्ट्रॉल और ब्लडप्रेशर कंट्रोल : सनातन धर्म में जिस तुलसी को भगवान विष्णु के रूप शालेग्राम पर चढ़ाया जाता है, वह हमारे ह्दय के लिए बहुत खास है।
डॉ. राजकुमार के अनुसार जिस तुलसी को हम देवी का रूप मानते हैं, उसका आयुर्वेद में इसका बहुत महत्व है। आमतौर पर तुलसी का उपयोग तनाव से जुड़ी बीमारियों को दूर करने में होता है।
यह कॉलेस्ट्रॉल को कम करने में भी बहुत फायदेमंद है। यह कोलेस्ट्रॉल और ब्लडप्रेशर में भी फायदेमंद है। इसलिए अगर अपने दिल को मजबूत बनाना है तो किसी भी रूप में तुलसी का इस्तेमाल कर सकते हैं।
2. हृदय की धमनियां : डॉ. राजकुमार का कहना है ज्यादातर आयुर्वेदिक विशेषज्ञ दिल को मजबूत करने के लिए लहसुन का सेवन करने की सलाह देते हैं। रिसर्च से पता चला है कि इसका उपयोग धमनियों से प्लेग को कम कर सकता है। जिन लोगों को लहसुन की स्मेल बर्दाश्त नहीं होती, वो बिना गंध वाले लहसुन कैप्सूल का भी उपयोग कर सकते हैं।
जानकारों का कहना है कि लहसून की एक कली हर सुबह खाने से रक्त मोटा नहीं हो पाता और आसानी से हमारी नसों में इधर से उधर चला जाता है।
3. प्राकृतिक कॉर्डियो-टॉनिक: अर्जुनछाल या टर्मिनलिया अर्जुन का दिल से जुड़े रोगों को दूर करने के लिए औषधि के रूप में इस्तेमाल किया जा सकता है। डॉ. राजकुमार का कहना है कि अर्जुनछाल एक प्राकृतिक कॉर्डियो-टॉनिक के रूप में बेहद फायदेमंद है।
ये एक आयुर्वेद जड़ीबूटी है, जो कार्डिक मांसपेशियों को मजबूत करती है। सबसे खास बात ये है कि इसके इस्तेमाल करने पर इसका प्रभाव लंबे समय तक हमारे शरीर में बना रहता है। दिल को स्वस्थ और मजबूत रखने के लिए अर्जुनछाल के पाउडर और शहद को गर्म पानी में मिलाकर पीया जा सकता है।
डॉ. राजकुमार के मुताबिक कुछ रिसर्च बताती हैं कि अर्जुन छाल का उपयोग करने पर एंजिना के प्रभाव को 30 प्रतिशत तक कम किया जा सकता है।
4. ताकतवर ह्दय: डॉ. राजकुमार बताते हैं कि ह्दय के मामले में अल्फाल्फा का उपयोग बहुत फायदेमंद है वो भी कार्डियोवस्कुलर समस्याओं से निजात पाने के लिए।
दरअसल यह कोलेस्ट्रॉल के स्तर को कम करता है। दिल को स्ट्रांग बनाने के लिए आप चाहें तो अल्फाल्फा के पत्तों की चाय या इनसे निकाले गए जूस का नियमित रूप से सेवन कर सकते हैं। लेकिन इसकी मात्रा की जानकारी के लिए आपको आयुर्वेदिक विशेषज्ञ से सलाह जरूर लेनी चाहिए।
ये भी है खास…
सूर्योदय से पहले उठें: आयुर्वेद में कहा गया है कि सूर्योदय से पहले उठने वाले को हृदय रोग नहीं होता। अगर आप सुबह में 10-15 मिनट सन बाथ करते हैं तो शरीर के अंदर मौजूद कोलेस्ट्रॉल विटामिन डी में बदल जाता है।
सुबह में जब तक लालिमा होती है तब तक सूर्य की किरणें तीखी नहीं होती और ये हृदय के लिए बेहद लाभकारी होती हैं। इन किरणों से हमारी हड्डियां भी मजबूत होती हैं।
हल्दी का सेवन है जरूरी: खासकर दिल की सेहत के लिए नियमित रूप से हल्दी का सेवन बहुत जरूरी है। आयुर्वेद में कहा गया है कि लगभग 500 मिलीग्राम हल्दी रोज खाना चाहिए।
हल्दी हमारे शरीर में खून का थक्का नहीं बनने देती क्योंकि यह खून को पतला करने का काम करती है। हल्दी में हल और दी है यानी समाधान देने वाली। जो हर समस्या का समाधान दे उसे हल्दी कहा गया है। इससे हमें अनेक लाभ हैं। एलोपैथिक में हृदय रोगी को डिस्प्रिन देते हैं क्योंकि यह खून को पतला करती है।
हरड़ का नियमित प्रयोग: हरड़ को आयुर्वेद में पत्थ्य कहा जाता है। इसे मां के समान बताया गया है जो हमारे शरीर की तमाम गड़बड़ियों को ठीक करती है। मां की तरह ही यह शरीर की सारी गंदगी साफ कर देती है।
हार्ट अटैक की जांच के साधन नहीं हैं तो यह पहचानना मुश्किल होता है कि हार्ट अटैक है या गैसाइटिस क्योंकि दोनों में समान परेशानी दिखती है। लेकिन हरड़ के नियमित सेवन से शरीर के अंदर की गंदगी साफ होती रहती है और हम बीमारियों से दूर रहते हैं।
गाय का दूध है अमृत: गाय का दूध पीने वाले को हृदय रोग नहीं होता। गाय के दूध में कैलशियम, मैगनिशियम और गोल्ड जैसे बहुत सारे सूक्ष्म पोषक पदार्थ होते हैं। इसी कारण गाय का दूध हल्का पीला होता है।
गोल्ड हृदय को ताकत देने वाला होता है। आयुर्वेद में गाय के दूध को हल्का, सुपाच्य, हृदय को बल देने वाला और बुद्धिवर्धक माना गया है। गाय के दूध और मां के दूध में काफी समानताएं हैं।
स्वस्थ्य दिल के लिए कुछ घरेलू उपाय…
– शहद दिल को मजबूत बनाता है। कमजोर दिल वाले एक चम्मच शहद का सेवन रोज करें तो उन्हें फायदा होगा। आप लोग भी शहद का एक चम्मच रोज ले सकते हैं।
– छोटी इलायची और पीपरामूल का चूर्ण घी के साथ सेवन करने से दिल मजबूत और स्वस्थ्य रहता है।
– दिल को मजबूत बनाने के लिए गुड को देसी घी में मिलाकर खाने से भी फायदा होता है।
– लौकी उबालकर उसमें धनिया, जीरा व हल्दी का चूर्ण तथा हरा धनिया डालकर कुछ देर पकाकर खाइए। इससे दिल को शक्ति मिलती है।
– अलसी के पत्ते और सूखे धनिए का क्वाथ बनाकर पीने से ह्रदय की दुर्बलता मिट जाती है।
– गाजर के रस को शहद में मिलाकर पीने से निम्न ब्लड प्रेशर की समस्या नहीं होती है और दिल मजबूत होता है।
– हाई ब्लड प्रेशर की समस्या से निजात पाने के लिए सिर्फ गाजर का रस पीना चाहिए। इससे रक्तचाप संतुलित हो जाता है।
– सर्पगंधा को कूटकर रख लीजिए। इस पाउडर को सुबह-शाम 2-2 ग्राम खाने से बढ़ा हुआ रक्तचाप सामान्य हो जाता है।
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– प्रतिदिन लहसुन की कच्ची कली छीलकर खाने से कुछ दिनों में ही रक्तचाप सामान्य हो जाता है और दिल मजबूत होता है।
– अनार के रस को मिश्री में मिलाकर हर रोज सुबह-शाम पीने से दिल मजबूत होता है।
– खाने में अलसी का प्रयोग करने से दिल मजबूत होता है। अलसी में ओमेगा-3 फैटी एसिड भरपूर मात्रा में होता है जो दिल को बीमारियों से बचाता है।
– सेब का जूस और आंवले का मुरब्बा खाने से दिल मजबूत होता है और दिल अच्छे से काम करता है।
– बादाम खाने से दिल स्वास्थ रहता है। बादाम में विटामिन और फाइबर होता है।