फर्जी राशन कार्ड की आड़ में चल रहा घोटाला, शिकायत पर बैठी जांच

राशन कार्डदेहरादून। जनता को राशन देने वाले राशन डीलर ही जब राशन कार्ड में हेर फेर करें तो भला आम जनता को लाभ क्या मिलेगा। ऐसा ही एक मामला राजधानी दून से आया है। यहां के जो राशन डीलर हैं वह फर्जी राशन कार्ड के माध्यम से खाद्य सामग्री में घोटाला कर रहे हैं। इस घोटाले का पर्दाफाश करने के लिए एक शिकायतकर्ता ने 11 राशन डीलरों के नाम लिखकर सीएम और डीएम कार्यालय में शिकायत की थी।

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इसकी जानकारी मिलने के बाद से राशन डीलरों में अफरा तफरी की आलम है। एक अधिवक्ता ने इसी माह 11 राशन डीलरों का नाम लिखकर मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत, जिलाधिकारी एसए मुरूगेशन सहित खाद्य आपूर्ति विभाग के अन्य उच्चधिकारियों को प्रार्थना पत्र भेज शिकायत की। डीलरों पे आरोप लगाते हुए कहा कि इन डीलरों के यहां राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा योजना के करीब 70 प्रतिशत फर्जी राशन कार्ड बने हुए हैं।

यह सभी डीलर फर्जी राशन कार्ड के माध्यम से खाद्य सामग्री में घोटाला कर रहे हैं। इस मामले को डीएम ने गंभीरता से लेते हुए जिलापूर्ति अधिकारी को 15 दिन में जांचकर रिपोर्ट मांगी है। जिलापूर्ति अधिकारी विपिन कुमार ने बताया कि इस मामले की जांच शुरू कर दी गई है

शिकायती पत्र में डीलरों के नाम

चुक्खूवाला से रवि शर्मा और राजेंद्र अग्रवाल, कारगी से मयंक गुप्ता, डाकरा के नरेंद्र सिंह चंदेल, कांवली रोड से नीरज, परिसीमन क्षेत्र कुसुम लता शर्मा, जीएमएस रोड सुशील कुमार, रेस्ट कैंप धर्मपुर सचिन बंसल, परिसीमन क्षेत्र विमला शर्मा, चकराता रोड से हरबंस सिंह एवं संस, रेसकोर्स पुलिस लाइन से राजेश सजवाण के नाम शिकायती पत्र में हैं।

जिलापूर्ति कार्यालय में शिकायती पत्र मिलने के बाद खाद्य इंस्पेक्टरों में भी हलचल मची हुई है। यह हलचल इसलिए है कि इन खाद्य इंस्पेक्टरों के मिलीभगत के बिना राशन कार्ड बनाना संभव नहीं है। सभी राशन कार्डों पर खाद्य इंस्पेक्टरों की मुहर होती है। ऐसे में अगर फर्जी राशन कार्ड मिलता है तो सही तौर पर इनपर भी गाज गिरेगी।

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