
कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने देहरादून में त्रिपुरा के दो भाइयों पर हुए नस्ली हमले की निंदा करते हुए इसे भयावह घृणा अपराध बताया है। उन्होंने इस घटना को सत्तारूढ़ भाजपा की नफरत भरी नेतृत्व द्वारा सामान्यीकृत हिंसा का नतीजा करार दिया। राहुल ने कहा कि 24 वर्षीय एमबीए छात्र एंजेल चकमा की मौत घृणा का परिणाम है, जो सालों से विषाक्त सामग्री और गैर-जिम्मेदार कथानकों के जरिए युवाओं में भरी जा रही है।
देहरादून में 9 दिसंबर को एंजेल चकमा और उनके भाई माइकल पर नस्लीय टिप्पणियों का विरोध करने पर छह लोगों ने हमला किया था। पश्चिम त्रिपुरा के नंदननगर निवासी एंजेल 26 दिसंबर को चोटों से जूझते हुए चल बसे। इस घटना ने पूरे देश में आक्रोश पैदा कर दिया है।
सोशल मीडिया पोस्ट में राहुल गांधी ने लिखा, “देहरादून में एंजेल चकमा और उनके भाई माइकल के साथ जो हुआ, वह एक भयावह घृणा अपराध है। नफरत रातोंरात नहीं आती। सालों से इसे रोजाना खिलाया जा रहा है – खासकर युवाओं को – विषाक्त सामग्री और गैर-जिम्मेदार कथानकों के जरिए। और इसे सत्तारूढ़ भाजपा की नफरत उगलने वाली नेतृत्व द्वारा सामान्य बनाया जा रहा है।”
उन्होंने आगे कहा, “भारत सम्मान और एकता पर बना है, न कि डर और दुर्व्यवहार पर। हम प्रेम और विविधता का देश हैं। हमें एक मृत समाज नहीं बनना चाहिए जो साथी भारतीयों पर हमलों से मुंह फेर ले। हमें सोचना और सामना करना चाहिए कि हम अपने देश को क्या बनने दे रहे हैं।”
राहुल ने चकमा परिवार और त्रिपुरा तथा पूर्वोत्तर के लोगों के साथ संवेदना जताई और उन्हें गर्व से साथी भारतीय कहा।





