प्राइवेट स्कूलों ने मनाया काला दिवस, शिक्षकों ने काली पट्टी बांध शुरू किया काम

काला दिवसदेहरादून। गुरुग्राम के स्कूल में हुए रेयान मर्डर के बाद स्कूल प्रबंधक और प्रिंसिपल पर मुकदमा करने और प्रदेश सरकार की शिक्षा के प्रति बनाई गई पॉलिसी के विरोध में निजी स्कूलों से जुड़े सभी शिक्षकों ने काली पट्टी बांधकर विरोध जताते हुए काला दिवस मनाया। विरोध की फोटो को सीएम, राज्यपाल और प्रधानमंत्री को भेजी गई। वहीं गुरुवार को दून के ज्यादातर स्कूलों में कक्षाएं शुरू होने से पहले यानि सुबह सभी शिक्षकों ने काली पट्टी बांधकर अपना कार्य शुरू किया। इन शिक्षकों का कहना था कि स्कूलों पर थोपा जा रहा एक तरफा नियम सरासर गलत है।

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शिक्षकों का पॉलिसी के प्रति विरोध

स्कूल में बच्चों की सुरक्षा का पूरा ध्यान रखने की भी बात कही। इसके बाद भी यदि कोई घटना हो जाती है तो प्रशासन कसी नतीजे पर न पहुंच कर उनके खिलाफ एकतरफा कार्रवाई करता है और यह मामला यहां पर खत्म नहीं होता है प्रबंधक और प्रधानाचार्य के खिलाफ मुकदमा भी किया जाता हैं। वहीं शिक्षकों ने प्रदेश सरकार की शिक्षा के प्रति बनाई गई पॉलिसी का विरोध जताया और कहा कि एक ओर स्कूल सरकार के सभी निर्देशों का पालन करते हैं और बिना कोई आर्थिक सहायता के बेहतर रिजल्ट दे रहे हैं, लेकिन इसके बाद भी शिक्षा विभाग स्कूलों के लिए एक के बाद एक आदेश दे रहा है।

प्रतिदन स्कूलों के लिए जारी किए जा रहे आदेशों का पालन नहीं हो पाता। प्रिंसिपल प्रोग्रेसिव स्कूल्स ऑफ एसोसिएशन के अध्यक्ष प्रेम कश्यप ने बताया कि शिक्षकों के सांकेतिक विरोध को लेकर उन्होंने स्कूलों को पहले ही सूचना दी थी।

इसके विरोध में जो भी स्कूलों के शिक्षक शामिल हुए उनकी फोटोग्राफी कर मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत, राज्यपाल केके पॉल और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को भेज दी गई। कई ऐसे स्कूल भी थे जो हुए शिक्षकों के विरोध से अंजान थे। दून इंटरनेशनल स्कूल के उप प्रधानाचार्य दिनेश बड़थ्वाल ने कहा कि उनके यहां और भी कार्यक्रम चल रहे हैं, जिस कारण सारे शिक्षक उसी में बिज़ी रहे।

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