
नई दिल्ली। इस बार गुजरात में नवरात्र पर्व के दौरान कुछ लोगों ने अलग तरीके से गरबा सेलिब्रेट किया है। दरअसल अहमदाबाद के करीब 100 दलित परिवारों ने अंबेडकर गरबे की शुरुआत की है।
अंबेडकर गरबा के आयोजकों ने बताया कि गुजरात में पिछले कई दिनों से जो दलित समुदाय के लोगों पर हमले हो रहे है उससे हम लोग काफी आहत हुए है। हमें अपनी संस्कृति को उनसे अलग करने के लिए हमने इस गरबे का आयोजन किया है।
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बता दें कि पिछले हफ्ते मंदिर के बाहर गरबा देख रहे एक दलित को इतना मारा गया की उसकी मौत हो गई।
वहीं रामपुरा गांव में “अंबेडकर गरबा” के आयोजक कनू सुमसेरा मंगलभाई का कहना है कि गुजरात में ऐसा पहली बार हुआ है। मुझे अपने गांव वालों को ये समझाने में पांच साल लगे कि देवी-देवताओं के बजाय अंबेडकर की पूजा करना ज्यादा बेहतर है।
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हमारे समाज में लोग सशंकित थे और उन्हें लगता था कि देवता उन्हें उजाड़ देंगे। आगे कहा कि हिन्दी फिल्म जय संतोषी माँ के प्रसिद्ध भजन के आधार पर ही अंबेडकर भजन तैयार किया गया है जिसके बोल हैं कि मैं तो आरती उतारूं रे अंबेडकर साहिब की…जय, जय, अंबेडाकर बाबा जय जय जय।