
उत्तराखंड के त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव 2025 में युवा चेहरों ने अपनी छाप छोड़ी है। चमोली जिले के गैरसैंण ब्लॉक के सारकोट गांव की 21 वर्षीय प्रियंका नेगी, जो राज्य की सबसे कम उम्र की ग्राम प्रधान बनी हैं, को मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने फोन कर जीत की बधाई दी। सीएम ने कहा कि वे गांव के विकास के लिए प्रियंका के साथ मिलकर काम करेंगे और सारकोट के ग्रामीणों द्वारा अच्छे चुनाव की सराहना की।

प्रियंका नेगी ने गैरसैंण महाविद्यालय से राजनीति शास्त्र में स्नातक किया है, जिसका परिणाम हाल ही में घोषित हुआ। उन्होंने चुनाव में अपनी प्रतिद्वंद्वी प्रियंका देवी को 186 वोटों के अंतर से हराया, जिसमें उन्हें 421 वोट और प्रियंका देवी को 235 वोट मिले। प्रियंका के पिता राजेंद्र सिंह नेगी 2014-19 तक सारकोट के ग्राम प्रधान रह चुके हैं, जिनके सार्वजनिक सेवा के कार्यों से प्रेरित होकर प्रियंका ने यह चुनाव लड़ा।
सारकोट, जिसे मुख्यमंत्री धामी ने आदर्श गांव घोषित किया है, चमोली जिले के सबसे बड़े गांवों में से एक है, जहां 300 से अधिक परिवार निवास करते हैं। पलायन की समस्या न होने के कारण यह गांव विशेष महत्व रखता है। सीएम धामी ने प्रियंका को देहरादून आमंत्रित करते हुए निर्देश दिए कि जिला अधिकारी जल्द ही गांव का निरीक्षण करेंगे। उन्होंने प्रियंका से गांव में चल रहे विकास कार्यों को गति देने और महिलाओं को स्वरोजगार के जरिए सशक्त बनाने पर जोर दिया।
प्रियंका ने कहा कि उनकी प्राथमिकता महिलाओं को जागरूक और सशक्त बनाना है, ताकि वे हर क्षेत्र में आगे बढ़ सकें। साथ ही, वे मुख्यमंत्री की योजनाओं को लागू करने और गांव के विकास को नई दिशा देने के लिए प्रतिबद्ध हैं। उनके पिता राजेंद्र नेगी ने भी बेटी के प्रयासों में हरसंभव सहयोग का आश्वासन दिया।