
बेंगलुरु की विशेष जन प्रतिनिधि अदालत ने शुक्रवार को निलंबित जेडीएस नेता और पूर्व सांसद प्रज्वल रेवन्ना को दुष्कर्म के एक मामले में दोषी करार दिया। यह फैसला मैसूर के केआर नगर की 47 वर्षीय घरेलू सहायिका की शिकायत पर आया, जिसने आरोप लगाया था कि प्रज्वल ने 2021 में हासन जिले के होलेनरसीपुरा स्थित गन्निकाडा फार्महाउस और बेंगलुरु में उनके आवास पर दो बार उसका यौन शोषण किया और घटना को मोबाइल पर रिकॉर्ड किया।

फैसला सुनाए जाने के दौरान प्रज्वल कोर्ट में फूट-फूटकर रो पड़े। विशेष अदालत के न्यायाधीश संतोष गजानन भट शनिवार को सजा की मात्रा की घोषणा करेंगे।
मामले का विवरण
प्रज्वल रेवन्ना, जो पूर्व प्रधानमंत्री एचडी देवेगौड़ा के पोते और होलेनरसीपुरा विधायक एचडी रेवन्ना के बेटे हैं, पर चार यौन शोषण और दुष्कर्म के मामले दर्ज हैं। इनकी जांच के लिए कर्नाटक पुलिस की विशेष जांच टीम (एसआईटी) गठित की गई थी। मामले तब सुर्खियों में आए जब 26 अप्रैल, 2024 को हासन में लोकसभा चुनाव से पहले प्रज्वल के कथित अश्लील वीडियो वाले पेन ड्राइव प्रसारित हुए। इनमें कथित तौर पर कई महिलाओं के यौन शोषण की रिकॉर्डिंग थी, जिसमें एक वीडियो में पीड़िता अपने साथ हुए अत्याचार के खिलाफ प्रज्वल से गुहार लगाती दिखी।
गिरफ्तारी और कानूनी कार्रवाई
वीडियो सामने आने के बाद प्रज्वल 27 अप्रैल, 2024 को जर्मनी भाग गए थे। पूर्व पीएम एचडी देवेगौड़ा और केंद्रीय मंत्री एचडी कुमारस्वामी के सार्वजनिक आह्वान के बाद वे 31 मई, 2024 को बेंगलुरु लौटे, जहां एसआईटी ने उन्हें गिरफ्तार कर लिया। तब से वे परप्पना अग्रहारा सेंट्रल जेल में बंद हैं। उनके कई जमानत याचिकाएं कर्नाटक हाई कोर्ट और सुप्रीम कोर्ट ने खारिज कर दीं, जिसमें कोर्ट ने उनकी प्रभावशाली स्थिति को जमानत के खिलाफ कारण बताया।
मजबूत सबूतों ने तय की दोषसिद्धि
एसआईटी ने सितंबर 2024 में 1,632 पेज का आरोपपत्र दाखिल किया, जिसमें 113 गवाहों के बयान शामिल थे। पीड़िता के कपड़ों पर प्रज्वल का डीएनए और फोरेंसिक विश्लेषण से पुष्ट वीडियो सबूतों ने अभियोजन पक्ष को मजबूत किया। प्रज्वल पर भारतीय दंड संहिता (आईपीसी) की धारा 376(2)(k) (प्रभावशाली स्थिति में दुष्कर्म), 376(2)(n) (बार-बार दुष्कर्म), 354(A), 354(B), 354(C), 506, 201 और सूचना प्रौद्योगिकी अधिनियम की धारा 66E के तहत आरोप लगाए गए थे।
कोर्ट की टिप्पणी और अन्य मामले
कर्नाटक हाई कोर्ट ने जमानत याचिका खारिज करते हुए कहा था कि प्रज्वल के कृत्य “निंदनीय और समाज पर ठंडा प्रभाव डालने वाले” हैं। अन्य तीन मामलों में भी जांच और सुनवाई जारी है, जिसमें एक पूर्व जिला पंचायत सदस्य और एक अन्य महिला के साथ यौन शोषण के आरोप शामिल हैं। प्रज्वल की मां भवानी रेवन्ना पर भी पीड़िता को गवाही से रोकने के लिए अपहरण का आरोप है, जिसमें उन्हें अग्रिम जमानत मिल चुकी है।
राजनीतिक परिणाम
2024 के लोकसभा चुनाव में प्रज्वल हासन सीट पर कांग्रेस उम्मीदवार श्रेयस पटेल से हार गए। विवाद के बाद जेडीएस ने उन्हें पार्टी से निलंबित कर दिया। इस मामले ने कर्नाटक की राजनीति में बड़ा उथल-पुथल मचाया, जिसमें कांग्रेस और जेडीएस के बीच आरोप-प्रत्यारोप भी देखे गए।