
जयपुर में मानसून के दौरान जर्जर इमारतों से होने वाले हादसों को रोकने के लिए नगर निगम हेरिटेज ने सख्त कदम उठाए हैं। अब तक परकोटे क्षेत्र में 126 जर्जर भवनों को चिन्हित कर उनके मालिकों को मरम्मत के लिए नोटिस जारी किए गए हैं।

झालावाड़ में स्कूल भवन की छत गिरने से सात बच्चों की मौत के बाद राज्य सरकार और स्थानीय निकाय अलर्ट मोड में हैं। स्वायत्त शासन विभाग ने सभी नगर निगमों, नगर परिषदों और नगर पालिकाओं को जर्जर भवनों की पहचान कर उन्हें सील करने या ध्वस्त करने के निर्देश दिए हैं। प्रदेश में अब तक 2,699 जर्जर भवनों को चिन्हित किया गया है, जिन पर कार्रवाई जारी है।
जयपुर हेरिटेज में चिन्हित जर्जर भवन
नगर निगम हेरिटेज ने हवा महल आमेर जोन में 29, किशनपोल जोन में 65, आदर्श नगर जोन में 18 और सिविल लाइन जोन में 14 जर्जर भवनों की पहचान की है। खासकर परकोटे की सैकड़ों साल पुरानी हवेलियां, जो अब जर्जर हो चुकी हैं, खतरे का सबब बनी हुई हैं। इन भवनों के मालिकों को नोटिस जारी कर तत्काल मरम्मत या सुरक्षा उपाय करने के निर्देश दिए गए हैं। मरम्मत कार्य की जिओ-टैगिंग फोटो और वीडियो के जरिए निगरानी की जा रही है।
मॉनिटरिंग के लिए विशेष टीम का गठन
नगर निगम हेरिटेज आयुक्त डॉ. निधि पटेल ने जर्जर भवनों की निगरानी के लिए अतिरिक्त आयुक्त सुरेंद्र यादव की अध्यक्षता में सात सदस्यीय कमेटी गठित की है। इस कमेटी में अतिरिक्त मुख्य अभियंता, उपविधि परामर्शी, उपायुक्त सतर्कता, संबंधित उपायुक्त जोन, अधीक्षण अभियंता प्रथम और संबंधित अधिशासी अभियंता शामिल हैं। यह कमेटी नियमित निरीक्षण कर आयुक्त को रिपोर्ट सौंपेगी।
आयुक्त ने कहा कि बारिश के मौसम में जर्जर भवनों से जनहानि का खतरा बढ़ जाता है, इसलिए मरम्मत या ध्वस्तीकरण की कार्रवाई प्राथमिकता पर की जा रही है। भवन मालिकों को चेतावनी दी गई है कि नोटिस का पालन न करने पर कठोर कार्रवाई होगी, जिसमें भवन को सील करना या ध्वस्त करना शामिल है।