मोदी के गढ़ में 65 गायों की मौत, कारण बना घास में छिपा सायनाइड

सायनाइड के जहर से गायों की मौतकच्छ गुजरात के कच्छ जिले में 65 गायों की मौत का मामला सामने आया है। जिससे पूरे जिले में हड़कंप मच गया। पहले यह कहा गया था कि भारी बारिश के चलते गायों की मौत हुई है। लेकिन अब पोस्‍टमॉर्टम की रिपोर्ट में सामने आया है कि सायनाइड के जहर से गायों की मौत हुई है।

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मामला रापर पंजरपोल के रापर कस्बे का है। जहां एसजेएम के मवेशी खाने में चरवाहों ने देखा कि लगभग 7:30 बजे अचानक कुछ गाय गिर कर बेहोश हो गई हैं। यह देखते ही उन्होंने ने पशु चिकित्सकों बुलाया। लेकिन 80 गायों और बछड़ों में से लगभग 30 को ही बचा सका, जबकि उनमें से 65 की मौत हो गई।’

सरकारी पशु चिकित्सक कहना है कि गायों के पोस्टमार्टम से साबित हुआ है कि साइनाइड के जहर के सेवन के चलते उनकी मृत्यु हो गई थी, जो उनके हरे चारे में जमा हुआ था। जब साइनाइड जमा हुआ चारा खाने के बाद पशु पानी पी लेते हैं तब यह उनके लिए घातक साबित हो जाता है। इन मौतों का बारिश से कोई संबंध नहीं हैं।

एसजेएम के प्रबंधक का कहना है, ‘हम बगल वाले गांव से चारा लाते हैं। हमने पशुओं को शनिवार को हरा चारा दिया था, जिसके बाद चिकित्सक ने हमे बताया कि चारा खाने के बाद पानी पीना दरअसल पशुओं के लिए घातक साबित हुआ है।

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मुख्य पशु चिकित्साधिकारी ने बताया कि हरे चारे में दस पंद्रह दिन के अंतराल पर सिंचाई अवश्य करना चाहिए। हरे चारे में पानी की कमी से होने वाले नुकसान के बारे में बताते हुए उन्होंने कहा कि चारे में नमी की कमी के चलते खेत में खड़े हरे चारे में सायनाइड नामक जहर बन जाता है। इस चारे को पशुओं को खिलाने से मौत हो सकती है।

यह बरतें सावधानी

हरे चारे को खेत से उतना ही काटें, जितना पशुओं के लिए जरूरत हो। यदि हरा चारा बचे तो उसे कुछ समय के अंतराल पर पलटते रहना चाहिए।

यह हैं विषाक्तता के लक्ष्ण

पीड़ित पशुओं में सांस लेने में तकलीफ, कमजोरी, लड़खड़ाना आदि लक्ष्ण दिखायी देने पर यह समझ लेना चाहिए कि पशु में विषाक्तता का प्रभाव है।

इस तरह करें उपचार

पशुओं में विषाक्तता के लक्ष्ण दिखायी देने पर सोडियम थायो सल्फेट का घोल बनाकर पिलाकर प्राथमिक उपचार कर सकते हैं।

बता दे कि हाल ही में गुजरात सरकार ने पशु संरक्षण अधिनियम में बदलाव कर गाय की हत्या पर उम्रकैद का प्रावधान किया है। इसके अलावा गोमांस की ख़रीद और बिक्री पर भी सजा बढ़ने का प्रावधान किया है।

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