शुरु हो गया राम मंदिर निर्माण कार्य, पत्थर लेकर अयोध्या पहुंचे 3 ट्रक !

रामअयोध्या। राम नगरी अयोध्या में भगवान राम के मंदिर के निर्माण के लिए कवायद तेज हो चुकी है. प्रदेश में भाजपा सरकार आते ही राम भक्तों में अलग ही उत्साह नज़र आने लगा है. राममंदिर निर्माण के लिए वहां पर सामान पहुंचना शुरू भी हो चुके हैं. राम मंदिर निर्माण के लिए पत्थरों से लदे तीन और ट्रक विश्व हिन्दू परिषद (विहिप) की निगरानी में अयोध्या के रामसेवकपुरम पहुंचे हैं. इससे पहले भी एक ट्रक पत्थर पिछले महीने यहां लाया गया था.

वरिष्ठ विहिप नेता त्रिलोकी नाथ पांडेय ने कहा कि “राम मंदिर निर्माण के लिए राजस्थान के भरतपुर से दो ट्रक पत्थर अयोध्या पहुंच चुके हैं, लेकिन मंदिर के लिए हमें 100 ट्रक से ज्यादा पत्थरों की आवश्यकता होगी. ट्रकों से लाए गए पत्थरों को कारसेवकपुरम स्थित विहिप मुख्यालय पर उतरवाया गया है. बाकि के पत्थर की सप्लाई भी आने वाले एक या दो दिनों में हो जाएगी”.

यह भी पढ़ें : योगी सरकार नवविवाहितों को देगी कॉन्डम और गर्भनिरोधक गोलियां

पांडेय ने बताया कि “अब प्रदेश में बीजेपी की सरकार है. इसलिए अब मंदिर निर्माण में कोई रुकावट सामने नहीं आएगी. उन्होंने कहा कि एक महीने पहले हमने वाणिज्य कर विभाग के अधिकारी से संपर्क किया और उन्होंने एक साल से रोके गए फॉर्म 39 को तुरंत जारी कर दिया”.

बाबरी मस्जिद-राम जन्मभूमि केस से जुड़े एक याची खालिद अहमद खान ने अयोध्या में पत्थरों के आगमन पर कहा है कि यह लोगों में एक सन्देश देने की कोशिश है कि भगवा दल राम मंदिर निर्माण को लेकर गंभीर है. हालांकि इससे केस पर कोई फर्क नहीं पड़ेगा. हमें सुप्रीम कोर्ट और संविधान पर पूरा भरोसा है.

यह भी पढ़ें : राजधानी में एंटी लार्वा अभियान शुरू, एसएसपी समेत कई विभागों को नोटिस जारी

कांग्रेसी नेता पीएल पुनिया ने पत्थर पहुंचने पर कहा, “अयोध्या में ये काम आज से नहीं बहुत समय से चल रहा है, लेकिन आज तक मैने बीजेपी या आरएसएस का ये बयान नहीं सुना की हम ज़बरदस्ती वहां मंदिर बनाएंगे. चाहे योगी हो या कोई और सबने ये ही कहा है की आम सहमति से या कोर्ट के फैसले के बाद ही मंदिर बनेगा.”

बीजेपी नेता सुब्रमण्यम स्वामी ने कहा, “सुप्रीम कोर्ट के फैसले का इंतज़ार है, एक छोटा परिसर है जिस पर विवाद है, लेकिन उसके बाद हम वहां कुछ भी रख सकते हैं. पत्थर आ रहे हैं, नई तकनीक से मंदिर बनाने वाले हैं. मैं शुक्रवार को फिर कोर्ट जाकर मेंशन करूंगा, हम जीतने वाले हैं. मस्जिद कहीं भी बन सकती है. हाई कोर्ट में हम जीत चुके हैं. सिर्फ सुनवाई होनी है.”

उन्होंने कहा कि मुस्लिम पार्टियां पब्लिकली बोलने को तैयार नहीं हैं, कोर्ट फैसला करेगा तो वो तैयार हो जाएंगे. “हम कोई मुसलमान देश नहीं हैं, जो किसी और धर्म के मंदिर को बनाने से रोकेंगे. राम जन्म भूमि के बाहर कहीं भी मस्जिद बना सकते हैं.”

वहीं अयोध्या –बाबरी विवाद के पक्षकार जफरयाब जिलानी ने कहा, “ये सियासी एजेंडा है और वे अपनी संसदीय क्षेत्र को बताना चाहते हैं कि वो मंदिर बनाने को लेकर गंभीर हैं. इससे कोई फर्क नहीं पड़ेगा. मंदिर के तामीर की शुरुआत नहीं कर पाएंगे. आस-पास टेंशन ज़रूर बढ़ेगी. ये बीजेपी, आरएसएस और वीएचपी की मिलीजुली बात है. सब पहले से तयशुदा प्रोग्राम के तहत हो रहा है.”

लखनऊ यूनिवर्सिटी की पूर्व कुलपति रूप रेखा वर्मा ने कहा कि मामला सुप्रीम कोर्ट में विचाराधीन है. इसलिए इस तरह की गतिविधियां गैर कानूनी हैं और देश के खिलाफ है. इससे सांप्रदायिक सौहार्द बिगड़ सकता है.

गौरतलब है कि 2015 में भी पूरे देश से पत्थरों को एकत्र करने की ऐसी कोशिश हुई थी. उस समय तत्कालीन समाजवादी सरकार ने दो ट्रक पत्थरों के आने के बाद उस पर रोक लगा दी थी. वाणिज्य कर विभाग ने पत्थरों को लाने के लिए फॉर्म 39 जारी करने से इनकार कर दिया था.

देखें वीडियो

LIVE TV