पहले छिपाया धर्म फिर की महिला से हैवानियत, अब पत्नी को कैसे मिलेगा इंसाफ

देहरादून। धर्म की पहचान छुपाकर महिला से शादी करने और उससे दुष्कर्म करने वाले वकील को न्यायालय ने दोषी करार देते हुए सात साल की सजा सुनाई है। अपर सत्र न्यायाधीश चतुर्थ शंकर राज ने दोषी पर 30 हजार रुपये जुर्माना भी लगाया है।
महिला से हैवानियत

सहायक जिला शासकीय अधिवक्ता जया ठाकुर ने बताया कि देहरादून निवासी एक युवती ने 12 जनवरी 2018 को अब्बास अली नाम के अधिवक्ता के खिलाफ पटेलनगर थाने में मुकदमा दर्ज कराया था।

युवती की शिकायत के अनुसार वह साल 2013 में एक दुकान पर काम करती थी, वहां अनिल नाम का एक युवक भी आता था। वह खुद को अधिवक्ता बताता था। इस दौरान दोनों की दोस्ती हो गई।

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सालों साल यह सिलसिला यूं ही चलता रहा। इसके बाद दिसंबर 2017 में अनिल ने युवती से कहा कि वह उससे शादी करना चाहता है। इस पर वह भी तैयार हो गई और 11 दिसंबर 2017 को अनिल के कुछ दोस्तों की मौजूदगी में मसूरी स्थित एक जगह उन्होंने शादी कर ली।
शादी पंडित ने सनातन रीति रिवाज से कराई थी। इसके बाद अनिल उसे लेकर बड़ोवाला के एक मकान में आ गया। सुबह वह युवती को कमरे में ही छोड़कर बाहर निकला और किसी से बात करने लगा। युवती ने उसकी बातें सुनी तो पता चला कि उसका नाम अनिल नहीं बल्कि अब्बास है।

इस पर जब उसने विरोध किया और खुद को फंसाए जाने की बात कही तो वह धमकी देने लगा। इस बीच युवती को पता चला कि अब्बास दूसरी शादी भी करना चाहता है। इसके बाद वह थाने पहुंच गई।

शासकीय अधिवक्ता जया ठाकुर ने बताया कि अब्बास के खिलाफ मुकदमा दर्ज हुआ और पुलिस ने तय समय सीमा में ही आरोपपत्र दाखिल कर दिया। इस मुकदमे में अभियोजन की ओर से पंडित समेत सात गवाह पेश किए गए। इनकी गवाही और तमाम साक्ष्यों के आधार पर न्यायालय ने उसे सात साल की सजा और तीस हजार रुपये के जुर्माने की सजा सुनाई है।
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