बेहतर शिक्षा देने के लिए शरू हुआ विद्यालयों का उच्चीकरण

चमोली। जहां एक ओर सरकार स्कूलों का उच्चीकरण करके अपनी पीठ थपथपाती नजर आ रही है वही दूसरी ओर इन स्कूलों में अध्यापको की भारी कमी  से बच्चों का भविष्य चौपट हो रखा है है जहाँ  एक या दो अध्यापक चौकीदार की तरह विद्यालयों में नियुक्त है।

बेहतर शिक्षा

ऐसा ही  हाल कुछ इस तरह से दशोली विकासखण्ड के उच्चीकृत इंटर कॉलेज गौंणा के भी है यहाँ  पर इंटर स्तर पर कला और विज्ञान वर्ग में केवल तीन अध्यापक नियुक्त है जबकि छः पद रिक्त पड़े है। ओर ना ही विज्ञान वर्ग के छात्रों के लिए विज्ञान की प्रयोगशाला है।

विद्यालय भवन की स्थिति भी कुछ ठीक नही है छत पर पानी का तालाब तो बरसात समाप्त होने पर ही सूखेंगे। इन तमाम समस्याओं को गिनाते हुए प्रभारी प्रधानाचार्य सुरजीत सिंह बिष्ट ने बताया कि विद्यालय मानवीय संसाधनों के साथ साथ भौतिक साधनों से भी जूझ रहा है कक्षा कक्षों की कमी के साथ स्टाफ भी अति कम है ।

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जितना उनके हाई स्कूल के अध्यापको के सहयोग से हो पा रहा है वो भी पूरी कोशिश कर रहे है बाकी से शिक्षा विभाग और सरकार को तो इन भावी बच्चों के भविष्य की कोई परवाह ही नहीं है।

 

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