फर्रुखाबाद जेल में सामने आई धांधली, बकाया भुगतान के लिए ठेकेदार से अधीक्षक ने मांगी रिश्वत

Report:- दिलीप कटियार/FARRUKHABAD

अभी तक सरकारी धन के गवन की खबरे बहुत सुनी होगी लेकिन एक मामला सेंट्रल जेल का सामने आया है। जिसमे 1997 से लेकर 2018 तक ओ पी ट्रेडर्स का सेंट्रल जेल पर 45 लाख 21 हजार सात सौ सात रुपया बकाया चल रहा था।

सेंट्रल जेल अधीक्षक ने ठेकेदार का भुगतान करने के लिए पांच लाख रूपये सुविधा शुल्क मागने का आरोप लगाया  है। जिसकी लिखित शिकायत ठेकेदार ने मुख्यमंत्री से की है।

अधीक्षक ने मांगी रिश्वत

आपको बताते चले 1997 से ओपी ट्रेडर्स फर्म ठेकेदार ओमप्रकाश केंद्रीय कारगर में जरूरत के अनुसार सामान की आपूर्ति की जाती थी ।जिसका समय समय पर भुगतान भी किया जाता था। तत्कालीन जेल अधीक्षक वेद प्रकाश त्रिपाठी जाने के बाद नए जेल अधीक्षक एसएचएम् रिजवी  आने के बाद कुछ महीनों तक कार्य चलता रहा। ठेकेदार अधिक कमीशन की मांग की जिसे ठेकेदार ने मना कर दिया।

जिसके बाद ओ पी ट्रेडर्स का ठेका निरस्त कर दिया। पिछले बकाया भुगतान के लिए जेल अधीक्षक एसएचएम् रिजवी साहब ने पिछले भुगतान करने के लिए पांच लाख की मांग की है।

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जिसकी लिखित शिकायत ठेकेदार ने मुख्यमंत्री योगी आदित्य नाथ से की है। ठेकेदार ओमप्रकाश का  1997 से लेकर अव तक ओपी ट्रेडर्स फर्म का सेंट्रल जेल में माल सप्लाई करने का लगभग 45 लाख रुपया बकाया है। जिसके भुगतान के लिए फर्म के मालिक सभी अधिकारियों के चक्कर लगा चुके है। सबसे मजे की बात यह है कि  जेल अधीक्षक आपूर्ति के कागजो में फेरबदल करने के साथ भुगतान को फंसाने का काम किया है.

वही ठेकेदार ओमप्रकाश का कहना है की यदि समय रहते भुगतान नही किया गया।तो बैंक द्वारा मेरी पैतृक संपत्ति कुर्क करके सड़क पर ला खड़ा कर देगी।जिसको लेकर सभी अधिकारियो ,आईजी जेल व जेल स्थापना तक कई बार शिकायत दर्ज करा चुके है। जब अधिकारियों ने जेल अधीक्षक पर भुगतान करने का दवाव बनाया तो उन्होंने आपूर्ति बंद करके प्राइवेट तौर पर जेल में सप्लाई शुरू करा ली। योगी सरकार में जहां पर भ्र्ष्टाचार को खत्म करने के लिए अभियान चलाया जा रहा है वही सेंट्रल जेल के अंदर बहुत पनप रहा है।

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