मोदी ने किया दुनिया के दूसरे सबसे बड़े बांध का उद्घाटन, जानिए इससे जुड़ी बड़ी बातें
अहमदाबाद। गुजरात में स्थित सरदार सरोवर बांध का प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अपने 67वें जन्मदिन पर उद्घाटन कर दिया है। सरदार सरोवर बांध दुनिया का दूसरा सबसे बड़ा बांध है।
इस परियोजना का उद्देश्य गुजरात के सूखाग्रस्त इलाक़ों में पानी पहुंचाना और मध्य प्रदेश के लिए बिजली पैदा करना है, लेकिन ये परियोजनाएं अपनी अनुमानित लागत से काफ़ी ऊपर जा चुकी हैं।
मध्य प्रदेश, गुजरात और महाराष्ट्र में पड़ने वाली नर्मदा घाटी में 30 बड़े, 135 मझोले और 3000 छोटे बांध बनाने की योजना शुरू से ही हर मुद्दे पर विवाद में रही है।
भारत के पहले प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू ने 1961 में इस परियोजना की शुरुआत की थी। करीब पांच दशकों के बाद प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी आज इसका लोकार्पण करेंगे।
यह भी पढ़ें : एक ऐसा योद्धा, जिसनें एक घंटे के भीतर ही तय कर दी पकिस्तान की हार
सरदार सरोवर बांध से जुड़ी कुछ खास बातें:
1945 में सरदार पटेल ने निर्माण की पहल की।
सरदार सरोवर नर्मदा योजना (नर्मदा बांध) की नींव जवाहरलाल नेहरू ने ने 4 अप्रैल 1961 को रखी थी।
इस योजना की कुल लागत के हिसाब से यह भारत की अब तक की सबसे बड़ी योजना है।
नर्मदा नदी पर बनने वाले 30 बांधों में से सरदार सरोवर सबसे बड़ी बांध परियोजना है।
अमेरिका के ग्रांड कोली डैम के बाद सरदार सरोवर बांध दुनिया का दूसरा सबसे बड़ा बांध है।
इस बांध के 30 दरवाजे हैं और प्रत्येक दरवाजे का वजन 450 टन है। हर दरवाजे को बंद करने में करीब एक घंटे लगते हैं।
इस बांध के जरिये 9,000 गांवों को पानी मिलने का दावा है।
हाल ही में बांध की उंचाई को 138.68 मीटर तक बढ़ाई गई है। इस बांध की 4.73 मिलियन क्यूबिक पानी संचय करने की क्षमता है।
सरदार सरोवर बांध गुजरात के केवाड़िया क्षेत्र में स्थित है। हालांकि, इस बांध से उत्पन्न होने वाली 57% बिजली महाराष्ट्र में, 27% मध्य प्रदेश और शेष गुजरात में जाएगी। सिंचाई और पानी की आपूर्ति के मामले में राजस्थान को भी कुछ लाभ मिलने की उम्मीद है।
बांध से 6 हज़ार मेगावाट बिजली पैदा होगी जो कि गुजरात, मध्यप्रदेश और महाराष्ट्र में वितरित होगी।
नर्मदा बचाव आंदोलन की अगुवाई करने वाली मेधा पाटकर ने इस मामले को लेकर सरकार को सर्वोच्च न्यायालय में घसीटा और 1996 में न्यायालय के आदेश पर इसका निर्माण कार्य रोक दिया गया।
सुप्रीम कोर्ट ने अक्टूबर 2000 में बांध के पुनर्ग्रहण की अनुमति दी।
किसे होगा लाभ…
गुजरात के 3,137 गांवों को फ़ायदा
18.45 लाख हेक्टेयर ज़मीन की सिंचाई
9,000 गांवों में नहरों के ज़रिए सिंचाई
बांध से 6 हज़ार मेगावाट बिजली पैदा होगी
मध्य प्रदेश को बिजली का 57 फ़ीसदी हिस्सा
महाराष्ट्र को बिजली का 27 फ़ीसदी हिस्सा
गुजरात को बिजली का 16 फ़ीसदी हिस्सा
राजस्थान को सिर्फ़ मिलेगा पानी