राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने यूपी के पहले आयुष विश्वविद्यालय की आधारशिला रखी

राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद शनिवार को गोरखपुर पहुंचे। यहां उन्होंने भटहट के पिपरी में स्थित प्रदेश के पहले गुरु गोरखनाथ आयुष विश्वविद्यालय की आधारशिला रखी। इस दौरान उनके साथ देश की प्रथम महिला सविता कोविंद, राज्यपाल आनंदीबेन पटेल, मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ मौजूद रहे। कार्यक्रम को संबोधित कर राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने कहा, कोविड-19 की लड़ाई में विशेषकर दूसरी लहर में आयुष चिकित्सा पद्धतियों ने लोगों में प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने तथा उन्हें संक्रमण मुक्त करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। पिछले 2 दशकों में पूरे देश में आयुष चिकित्सा पद्धतियों की लोकप्रियता में बढ़ोतरी हुई है।

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राष्ट्रपति ने कहा कि आज पूरी दुनिया भारत की परंपरागत चिकित्सा पद्धति को अपना रही है। इन पद्धतियों को अपनाकर असाध्य रोगों का आसानी से उपचार हो जाता है और जीवन सुखमय हो जाता है। राष्ट्रपति ने अपने संबोधन में मौसम का भी जिक्र किया। उन्होंने कहा कि वह जब लखनऊ पहुंचे तो मौसम खराब था। लग रहा था कि कार्यक्रम में कोई बाधा न आए, लेकिन यहां के लोगों का महायोगी गुरु गोरखनाथ आयुष विश्वविद्यालय के प्रति असीम समर्पण ने इंद्रदेव को भी बाध्य कर दिया। अब तो वह कार्यक्रम खत्म होने के बाद ही लोगों को अपना आशीर्वाद देने आएंगे।

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कार्यक्रम के दौरान सीएम योगी ने कहा, पिछले डेढ़ साल से पूरी दुनिया कोरोना महामारी से त्रस्त है। इस दौरान दुनिया का कोई देश ऐसा नहीं होगा जिसने इस महामारी से लड़ने के लिए प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाने के लिए भारत की चिकित्सा पद्धतियों का अनुसरण न किया हो। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी ने UNO के मंच से भारत की इस परंपरा को वैश्विक मंच पर ले जाने का कार्य किया है। इसकी वजह से भारत की चिकित्सा पद्धति तेज़ी के साथ आगे बढ़ी। इसी क्रम में उत्तर प्रदेश का पहला आयुष विश्वविद्यालय भूमि पूजन और शिलान्यास के साथ शुरू होने जा रहा है।

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