मिड डे मील योजना में पाई गई अनियमितता, बच्चो को दिया जा रहा ऐसा खाना

रिपोर्ट- दिलीप कटियार

फर्रूखाबाद। फर्रुखाबाद जनपद के प्राथमिक व जूनियर विद्यालयों में छात्रों को दिये जाने वाले मिड डे मील के नाम पर खेल हो रहा है। विद्यालयों में बच्चों को मानक अनुरूप भोजन नहीं दिया जा रहा है। जब लाइव टुडे की पड़ताल के दौरान इसकी पोल खुल कर सामने आ गई। सरकार द्वारा बच्चों के भोजन करने के लिए थालियां भी उपलब्ध कराई गईं। लेकिन बच्चे घर से लाये बर्तनों में तहरी खाते मिले। तेहरी में न टमाटर था न ही सोयाबीन। चावल और आलू से बनाई गई तेहरी बच्चों को बस एक एक चमचा ही परोसी जा रही थी। गर्मियों की छुट्टियों के बाद बच्चो को दूध नहीं दिया गया है। मिड डे मील में हो रही इस लापरवाही से जिम्मेदार अधिकारी अनजान बने हुए है।

सादी तहरी

जिले में सभी विकास खण्डों में दूर दराज के प्राथमिक विद्यालयों से लेकर जूनियर विद्यालयों में शिक्षा को बढ़ावा देने के लिए भोजन के साथ बच्चो को दूध देने का कनवर्जन कास्ट दिया जाने लगा है। उसी समय से शिक्षकों ने बच्चों के हक को अपनी जेबो में रखना शुरू कर दिया है। विकास खण्ड कमालगंज क्षेत्र में ग्राम सभा शेखपुर सराय में जूनियर से लेकर प्राथमिक पांच  विद्यालय चल रहे है। बुधवार को लाइव टुडे द्वारा कमालगंज विकास खंड के परिषदीय विद्यालय शेरपुर सराय ,बहवलपुर,कुण्डपुरा में बनने वाले मिड डे मील की पड़ताल की गई।

कुण्डपुरा के प्रधानाचार्य के सामने बच्चो से पूछा गया तो उन्होंने उनके सामने ही उनकी पोल खोलकर रख दी। बच्चो ने उन्ही के सामने कहा कि दूध नही दिया जा रहा है। पड़ताल के दौरान विद्यालयों में बच्चों को तहरी दी गई थी। तहरी भी मेन्यू के अनुसार नहीं बनी थी और न ही बच्चों को पेट भर के दी जा रही थी। तहरी में सिर्फ आलू व चावल ही नजर आ रहे थे। जबकि मेन्यू है कि उसमें टमाटर, सोयाबीन सहित कई अन्य चीजें भी पड़े।

शिक्षक अपनी मांगों को लेकर धरना प्रदर्शन करते है हड़ताल तक कर देते है लेकिन जब वह बच्चो को सरकार की तरफ से दिए जाने वाले भोजन पर डाका डालते है तो बच्चे कहा प्रदर्शन करने जाए। शिक्षा विभाग की यह नीति  किसी को समझ मे नही आ रही है।

प्राथमिक विद्यालय कुंडपुरा के प्रधानाचार्य से बच्चो की संख्या के बारे में पूछा गया तो उन्होंने बताया कि सुबह स्कूल परिसर में बरसात से गढ्ढा हो गया था। उसको भरने में बच्चों के साथ लगा रहा तभी उसको भर पाया है उसके बाद जूते बांटने में लग गया उसी वजह से अभी तक हाजिरी नही लगा पाई है। लेकिन 114 बच्चो के नाम दर्ज है लेकिन 75 से 80 बच्चे स्कूल आते है जबकि हकीकत में स्कूल में 30 से40 बच्चे ही मौजूद थे। सबसे बड़ी बात उन्होंने खुद बता दी कि स्कूल में बच्चों से पढ़ाई की जगह काम कराते रहे। गुरुजी का खेल ही निराला है उसी बजह से पढ़ने वाले बच्चों का भविष्य अंधकार में जाने वाला है।

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इस संबंध में जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी राजकुमार पंडित  ने बताया कि बच्चों को मिड डे मील दिया जा रहा है। अगर बच्चों को मेन्यू के अनुसार भोजन नहीं मिल रहा है तो उसका निरीक्षण कर कार्रवाई की जाएगी। अगले सप्ताह से यह तय किया जायेगा कि सभी बच्चों को दूध हर सप्ताह उनको मिल सके। जो शिक्षक ऐसा नही करेगा उसके खिलाफ विभागीय कार्यवाही की जायेगी।

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