
दिलीप कुमार
उत्तर प्रदेश बोर्ड के 10वीं और 12वीं के छात्रों के छात्रों का परीक्षा चल रहा है। ऐसे में आए दिन नकल के मामले सामने आ रहे हैं। इसी कड़ी में एक परीक्षा केंद्र पर नकलची छात्रों और केंद्र व्यवस्थापक के मिलीभगत का मामला सामने आया है।

उक्त परीक्षा केंद्र पर अचौक निरिक्षण करने के लिए प्रशासनिक अधिकारी पहुंच गए, जहां परीक्षा अधिकारी ने छात्रों को नकल सामग्री के साथ पकड़ लिया और उसके बाद केंद्र व्यवस्थापक को उन छात्रों पर कार्रवाई करने का निर्देश दिया।
उस निर्देश के बाद केंद्र व्यवस्थापकों ने कार्रवाई करने के बजाय नकचियों बचाने का जुगत लगाने लग गए। इस घोर लापरवाही परीक्षा अधिकारी ने केंद्र व्यवस्थापक और अतिरिक्त केंद्र व्यवस्थापक को तत्काल निलंबित कर दिया। उसके साथ ही परीक्षा केंद्र को तीन साल के लिए डिबार घोषित कर दिया।
आपको बता दें कि 4 अप्रैल को उत्तर प्रदेश सभी परीक्षा केंद्रों समेत चौधरी निहाल सिंह इंटर कॉलेज छर्रा में बारहवीं के गणित का पेपर दूसरी पाली में चल रहा था। पेपर के दौरान एडीएम वित्त एवं राजस्व विधान जायसवाल ने छात्रों को नकल करते हुए पकड़ा। जब उन्होंने दोनों की कॉपी मिलाई तो दोनों के उत्तर एक समान दिखा।
इसके बाद उन्होंने केंद्र व्यवस्थापक निहाल सिंह और अतिरिक्त केंद्र व्यवस्थापक संजीव शर्मा को नकलचियों के खिलाफ एक्शन लेने का निर्देश देकर चले गए। उन व्यवस्थपकों ने अधिकारियों द्वारा दिए गए दिशानिर्देश कि उपेक्षा की। अधिकाकरी को तीन दिन बाद कार्रवाई न होने की जानकारी मिली तो उन्होंने डीआईओएस डॉ. धर्मेंद्र कुमार शर्मा से जानकारी मांगी। डीआईओएस ने भी कार्रवाई न होने की पुष्टि की।
इस लापरवाही पर वित्त एवं राजस्व अधिकारी ने अपनी नाराजगी व्यक्त की। उसके बाद डीआईओए ने तत्काल कार्रवाई करते हुए दोनों व्यवस्थापकों को निलंबित किया और परीक्षा केंद्र को डिबार घोषित करने के लिए शासन को संस्तुति भेज दी गई है। इसके साथ ही दोनों परीक्षार्थियों की कॉपियों की विशेष स्क्रीनिंग की जाएगी। उसके बाद आरोप सिद्ध होने पर नियमानुसार कार्रवाई की जाएगी।
गौरतलब है कि निलंबित दोनों व्यवस्थपकों से इस लापरवाही को लेकर कारण बताओ नोटिस मांगते हुए कहा गया है कि क्यों न दोनों के खिलाफ एफआईआर दर्ज करा दी जाए? संतोषजनक जवाब न मिलने पर कानूनी कार्रवाई भी की जाएगी।