विधानसभा सत्र के दौरान नेता विपक्ष की तबियत बिगड़ी, सदन स्थागित

लखनऊ उत्तर प्रदेश के मौजूदा विधानसभा सत्र के दौरान गुरुवार को विरोधी दल के नेता रामगोविंद चौधरी की तबियत अचानक बिगड़ गई। इससे सदन में चिंता का माहौल पैदा हो गया और सदस्यों की सहमति से गुरुवार की कार्यवाही को 26 फरवरी को कराने का प्रस्ताव पारित किया गया। रामगोविंद चौधरी को तत्काल इलाज के लिए अस्पताल ले जाया गया जहां उनकी स्थिति बेहतर बताई जा रही है।

विधानसभा सत्र

विधानसभा की कार्यवाही सुबह 11 बजे शुरू हुई। सदन में राज्यपाल के अभिभाषण पर चर्चा चल रही थी कि इसी दौरान नेता विरोधी दल रामगोविंद चौधरी ने बोलना शुरू किया। बोलते हुए उन्हें पसीना आने लगा। उन्हें संसदीय कार्यमंत्री सुरेश खन्ना ने बीच में टोका और रामगोविंद असहज महसूस करते हुए अपने स्थान पर बैठ गए।

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इसके बाद मुख्यमंत्री की सहमति से सदन को पहले 10 मिनट के लिए रोका गया। कार्यवाही दोबारा शुरू होने के बाद सुरेश खन्ना ने सदन को अवगत कराया कि नेता विरोधी दल की तबियत ठीक है। उन्हें राम मनोहर लोहिया अस्पताल ले जाया गया है।

इसके बाद सदस्यों की सहमति से गुरुवार की कार्यवाही का हिस्सा 26 फरवरी को पूरा करने का फैसला किया गया और उसी दिन मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ राज्यपाल के अभिभाषण पर हुई चर्चा का जवाब देंगे।

इससे पहले सदन में कार्यवाही के दौरान बसपा और सत्ता पक्ष के बीच सदन में मायावती को लेकर दिए गए बयान को लेकर तीखी नोकझोंक हुई।

बसपा के सदस्यों ने आरोप लगाया कि सत्ता पक्ष के सदस्य मन्नू कोरी ने मायावती का नाम लेकर सदन में आरोप लगाए हैं। लिहाजा वह सदन के बीच इसको लेकर खेद व्यक्त करें। सदस्यों का आरोप था कि मन्नू कोरी ने सदन के भीतर कहा कि मायावती पैसे लेकर टिकट बेचती हैं और उनसे बड़ा भ्रष्टाचारी कोई नहीं है।

बसपा की ओर से वरिष्ठ नेता व पूर्व विधानसभा अध्यक्ष सुखदेव राजभर ने कहा कि सदन के सदस्यों की तरफ से किसी का नाम लेकर आरोप लगाना ठीक नहीं है। इससे सदन के भीतर एक गलत परंपरा की शुरुआत हो रही है। लिहाजा उस सदस्य को अपनी तरफ से सदन के भीतर बयान को लेकर खेद व्यक्त करना चाहिए।

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राजभर ने कहा कि पूर्व मुख्यमंत्री मायावती को पूरा देश बहनजी के नाम से जानता है और उनका सदन में अपमान करना ठीक नहीं है। जिस सदस्य ने उनका नाम लेकर यह बयान दिया है, उन्हें सदन में इसके लिए शर्मिंदा होना चाहिए। बसपा इससे कम पर समझौता नहीं करेगी।

इस पर सत्ता पक्ष की ओर से कैबिनेट मंत्री स्वामी प्रसाद मौर्य ने कहा कि मन्नू कोरी ने अपने बयान में कहीं भी मायावती के नाम का इस्तेमाल नहीं किया है। यदि उन्होंने इस शब्द का इस्तेमाल किया है तो वह सदन की कार्यवाही का हिस्सा नहीं रहेगा।

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