जनता पर PNBScam का साया… बच पाना नामुमकिन, RBI के इस नियम से डूब जाएगी जमा-पूंजी!

नई दिल्ली। वैसे तो हर एक की जुबान पर इन दिनों एक ही शख्स का नाम है। वो हैं कारोबारी नीरव मोदी। इन पर पंजाब नेशनल बैंक से मिलकर 11,360 करोड़ रुपयों का चूना लगाने का आरोप है। इस महाघोटाले का असर देश के साथ विदेश में भी देखा जा रहा है। म्यूचुअल फंड में निवेश करने वालों से लेकर शेयर बाजारों में पैसा लगाने वालों का भी बुरा हाल है। ले-दे के किसी न किसी तरीके से इस महंगाई के दौर में आम आदमी की जेब पर इसका असर पड़ रहा है। लेकिन आपको जानकार और भी हैरानी होगी कि आपकी टेंशन इतने पर ही नहीं ख़त्म होती।

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पंजाब नेशनल बैंक

नहीं समझे बता दें कि आरबीआई यानी भारतीय रिजर्व बैंक के इस नियम के अनुसार यदि इस महाघोटाले की भरपाई के लिए आपकी बैंकों में जमा राशि का इस्तेमाल किया जाता है तो एक लाख रुपये से अधिक रकम को आपको भूलना होगा।

बता दें कि इस घोटाले से हुए नुकसान की भरपाई करने में सभी बैंकों और सरकार की कमर टूटना लाजमी है। इसलिए मुमकिन है कि बैंकों में जमा आपकी राशि का उपयोग इस समस्या से उबरने के लिए किया जाए।

आरबीआई की तरफ से जमाकर्ताओं को उनके जमा धन पर मिलने वाले इन्श्योरेंस कवर पर कुछ नियम बनाए हैं।

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डिपॉजिट इन्श्योरेंस एंड क्रेडिट गारंटी कॉर्पोरेशन (डीआईसीजीसी) के नाम से बने इन नियमों के अनुसार बैंकों में आपके द्वारा जमा किए गए रकम में से केवल 1 लाख रुपये का इन्श्योरेंस कवर है। यह कवर सभी तरह के खातों पर लागू है।

यानी मौजूदा समय में बैंक में रखी आपकी कुल रकम में से सिर्फ 1 लाख रुपये सुरक्षित होते हैं। इसका मतलब यह है कि कभी अगर कोई बैंक दिवालिया होता है, तो लाखों रुपये की आपकी बचत में से सिर्फ 1 लाख रुपये की डिपॉजिट सुरक्षित रहेगी। इससे अधिक जितनी भी राशि होगी वह रकम डूब जाएगी।

मान लीजिए आपका किसी बैंक में खाता है और उसमें मूलधन व ब्याज मिलाकर के 15 लाख रुपये का बैलेंस है और किसी वजह से बैंक दिवालिया हो जाता है।

दिवालिया होने की वजह से वह जमाकर्ताओं के पैसे चुकाने की स्थिति में नहीं रहता है, तो ऐसी स्थिति में भी उस बैंक को कम से कम 1 लाख रुपये आपको देने ही होंगे।

हालांकि 1 लाख से ज्यादा जितनी भी रकम होगी (14 लाख रुपये), उसकी सुरक्षा की कोई गारंटी नहीं है।

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गौरतलब है कि आरबीआई का यह नियम सभी बैंकों पर लागू है। इनमें विदेशी बैंक भी शामिल हैं, जिनको आरबीआई की तरफ से लाइसेंस मिला हुआ है। इस हिसाब से देंखे तो पीएनबी इस महाघोटाले के बाद दिवालिया होने की कगार पर खड़ी है।

ऐसे में यदि केंद्र सरकार अपनी ओर से पीएनबी को भरपाई नहीं करती है, तो बैंक दिवालिया हो सकता है।

अब इस स्थिति में बैंक डूबेगी या नहीं यह कह पाना मुश्किल होगा क्योंकि यह एक पब्लिक सेक्टर बैंक है। इसका मालिकाना हक़ सरकार के पास है। सरकार ने लोगों को आश्वस्त किया है कि स्थिती कंट्रोल में है।

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