हिमाचल प्रदेश: बादल फटने और बाढ़ से 10 की मौत, मंडी सबसे ज्यादा प्रभावित, IMD ने जारी किया रेड अलर्ट

हिमाचल प्रदेश में मॉनसून की शुरुआत से अब तक बादल फटने, बाढ़ और भूस्खलन की घटनाओं ने भारी तबाही मचाई है। 20 जून से 1 जुलाई 2025 तक इन आपदाओं में 51 लोगों की मौत हो चुकी है, 103 लोग घायल हुए हैं, और 22 लोग लापता हैं।

मंगलवार रात से बुधवार तक पिछले 24 घंटों में 10 और बादल फटने की घटनाएं दर्ज की गईं, जिनमें मंडी जिला सबसे ज्यादा प्रभावित हुआ है। इन घटनाओं में 10 और लोगों की मौत हुई है, और 34 लोग अब भी लापता हैं। भारतीय मौसम विज्ञान विभाग (IMD) ने राज्य के लिए रेड अलर्ट जारी किया है, जिसमें अगले कुछ दिनों तक भारी बारिश, भूस्खलन और बाढ़ की चेतावनी दी गई है।

मंडी में ब्यास नदी में बाढ़, भारी तबाही
मंडी जिले में लगातार भारी बारिश के कारण ब्यास नदी में उफान आ गया है। थुनाग, करसोग, गोहर, और धरमपुर जैसे क्षेत्रों में बादल फटने की घटनाओं ने भारी नुकसान पहुंचाया है। करसोग के कुट्टी बाइपास, पुराना बाजार, रिक्की, गोहर के सियंज, बसी, तलवारा, और धरमपुर के स्याथी और भदराना में घर, सड़कें, और बुनियादी ढांचे को भारी क्षति पहुंची है। सियंज पंचायत में दो घर बह गए, जिसमें नौ लोग लापता हैं। करसोग के पुराने बाजार में एक, गोहर के बड़ा गांव में दो, तलवारा में एक, और जोगिंदरनगर के नेरी कोटला में एक शव बरामद हुआ है।

सड़कों और बुनियादी ढांचे को नुकसान
बुधवार सुबह 10 बजे तक की जानकारी के अनुसार, राज्य में 282 सड़कें बंद हैं, जिनमें मंडी में सबसे ज्यादा 182, कुल्लू में 37, शिमला में 33, और सिरमौर में 12 सड़कें शामिल हैं। इसके अलावा, 1,361 बिजली ट्रांसफार्मर और 639 जल आपूर्ति योजनाएं प्रभावित हुई हैं। पंडोह और लारजी बांधों में पानी का स्तर बढ़ने के कारण स्पिलवे गेट खोले गए, जिससे ब्यास नदी का जलस्तर और बढ़ गया। किरतपुर-मनाली नेशनल हाईवे कई जगहों पर भूस्खलन के कारण अवरुद्ध है, जिससे सैकड़ों पर्यटक मंडी और ऑट के बीच फंसे रहे।

51 मौतें, 22 लापता, 28,339.81 लाख का नुकसान
20 जून से शुरू हुए मॉनसून सीजन में अब तक बादल फटने, बाढ़, और भूस्खलन की घटनाओं में 51 लोगों की मौत हो चुकी है, 103 लोग घायल हैं, और 22 लोग लापता हैं। मंडी में सबसे ज्यादा 10 मौतें और 34 लापता लोगों की सूचना है। राज्य में कुल नुकसान 28,339.81 लाख रुपये (283.39 करोड़ रुपये) का अनुमान है, जिसमें सार्वजनिक बुनियादी ढांचे (PWD, जल शक्ति विभाग, और बिजली क्षेत्र) और निजी संपत्तियों (204 घर, 84 दुकानें, गौशालाएं, और मजदूर झोपड़ियां) को भारी क्षति शामिल है।

मुख्यमंत्री और विपक्ष का दौरा
मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुखु आज दोपहर लौंगनी और धरमपुर के प्रभावित क्षेत्रों का दौरा करेंगे, जहां बादल फटने और भारी बारिश ने भारी तबाही मचाई है। वह प्रभावित परिवारों से मिलेंगे और राहत कार्यों का जायजा लेंगे। इसके बाद वह दोपहर 2:30 बजे सोलन के लिए रवाना होंगे। दूसरी ओर, विपक्ष के नेता और पूर्व मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने बुधवार को बागलामुखी रोपवे के जरिए प्रभावित क्षेत्रों का दौरा किया और थुनाग के एसडीएम से सैटेलाइट फोन के जरिए बात की, क्योंकि थुनाग से आगे टेलीफोन सेवाएं ठप हैं। ठाकुर ने मुख्यमंत्री को सूचित किया कि कई लोग अपने घर और मवेशी खो चुके हैं, और राहत कार्यों में तेजी लाने की जरूरत है।

बचाव और राहत कार्य
राष्ट्रीय आपदा प्रतिक्रिया बल (NDRF), राज्य आपदा प्रतिक्रिया बल (SDRF), पुलिस, होम गार्ड, और जिला आपदा प्रबंधन प्राधिकरण (DDMA) की टीमें बचाव कार्यों में जुटी हैं। अब तक 332 लोगों को सुरक्षित निकाला गया है। मंडी के रघुनाथ का पधार गांव में 12 लोगों को बचाया गया। प्रशासन ने लोगों से नदी-नालों और भूस्खलन संभावित क्षेत्रों में यात्रा न करने की सलाह दी है।

IMD का रेड अलर्ट
भारतीय मौसम विज्ञान विभाग ने मंडी, कुल्लू, कांगड़ा, शिमला, चंबा, और सिरमौर जिलों के लिए रेड अलर्ट जारी किया है, जिसमें अगले 36 घंटों तक भारी से अति भारी बारिश, भूस्खलन, और बाढ़ की चेतावनी दी गई है। मंगलवार को पालमपुर में 212 मिमी, चauri में 203 मिमी, और धरमशाला में 183.2 मिमी बारिश दर्ज की गई।

केंद्र का सहयोग
केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुखु से बात कर केंद्र से हर संभव मदद का आश्वासन दिया है। दो अतिरिक्त NDRF टीमें भेजी जा रही हैं। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भी स्थिति पर नजर रखे हुए हैं और प्रभावितों को तत्काल सहायता का निर्देश दे चुके हैं।

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