दिल्ली : गैर सरकारी संगठनों के पेंशनधारकों का प्रदर्शन

गैर सरकारी संगठनोंनई दिल्ली। गैर सरकारी संगठनों के पेंशनधारकों ने अपने हक के लिए सीपीएफसी के मुख्य कार्यालय पर बुधवार को प्र्दशन किया। हजारों की तादाद में आए बुजुर्गो ने पेंशन के अपने हक को लेकर आवाज उठाई। पेंशनधारकों का कहना है कि उन्होंने अपनी सेवा के दौरान पेंशन फंड में अंशदान किया था, लेकिन अब उन्हें पर्याप्त पेंशन नहीं मिल रही है। जिसकी वजह से उनकी स्थिति इतनी खराब है। उन्होंने कहा कि अपनी मांग को लेकर वे 7 दिसंबर को रामलीला मैदान में आंदोलन करेंगे।

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पेंशनधारकों का नेतृत्व कर रहे कमांडर अशोक राउत ने बताया कि बुधवार को केंद्रीय श्रममंत्री संतोष कुमार गंगवार ने उन्हें बातचीत के लिए बुलाया। डेढ़ घंटा चर्चा हुई। बैठक में एडिशनल सीपीएफसी डॉ.एस.के ठाकुर, मंत्री के एसपीए, केंद्रीय भविष्य निधि आयुक्त के वित्तीय सलाहकार मनीष गुप्ता, मुख्य समन्वयक वीरेंद्र सिंह, राजस्थान ईपीएस के अध्यक्ष रणजीत सिंह, राष्ट्रीय वित्तीय सलाहकार पी.एन. पाटील भी मौजूद थे। चर्चा सकारात्मक रही।

अशोक राउत ने कहा कि यदि फिर भी मांग पूरी नहीं हुई, तो हर मंत्री और हर सांसद से मिलकर वे अपनी मांगों के बारे में बात करेंगे, क्योंकि यह भारत के 17 करोड़ असंगठित कर्मचारियों के भविष्य का सवाल है।

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कमांडर राउत ने बताया कि पेंशनधारकों को 200 रुपये से लेकर 2500 रुपये तक पेंशन मिल रही है। उन्हें उनके द्वारा जमा किए गए पेंशन फंड पर मिलने वाले ब्याज के हिसाब से भी पेंशन नहीं मिलती है। भारत सरकार के पास पेंशनरों से जमा किए गए फंड के तहत 2 लाख करोड़ रुपये से अधिक जमा हैं, जिस पर सरकार तो ब्याज कमा रही है, लेकिन इसके हकदारों को उचित पेंशन नहीं दी जा रही है।

उन्होंने बताया कि संघर्ष समिति की मांग है कि सरकार कम से कम 7500 बेसिक पेंशन और महंगाई भत्ता दे, अन्यथा अंतरिम राहत के तौर पर 5000 रुपये और महंगाई भत्ता दे। जिन पेंशनर्स को ईपीएस-95 योजना में शामिल नहीं किया गया है, उन्हें एक्स पोस्ट फक्टो सदस्य बनाकर पेंशन योजना में लाया जाए।

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