इन घरानों से ताल्लुक नहीं तो छोड़ दें HC-SC का जज बनने की ख्वाहिश !

मोदी सरकारनई दिल्ली। मोदी सरकार के दिग्गज मंत्री और राष्ट्रीय लोक समता पार्टी के नेता उपेंद्र कुशवाहा अपने एक बड़बोले बयान के कारण विवादों में घिर गए हैं। उन्होंने जजों की नियुक्ति पर बड़ा प्रश्न चिंह लगाते हुए उसे एक सीमित घरानों की धरोहर बताया। उनका कहना है कि हाईकोर्ट और सुप्रीम कोर्ट का जज बनने के सारे दरवाजे बस उन सीमित घरानों के ताल्लुक रखने वाले लोगों के लिए ही खुलते हैं।

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उन्होंने अपनी बातों पर जोर देते हुए कहा कि दलित वर्ग तो दूर रहा, यदि सामान्य वर्ग के व्यक्ति भी चाहे तो वे इन पदों को हासिल नहीं कर सकते।

खबरों के मुताबिक़ कुशवाहा ने कहा कि आजादी के बाद से आज तक करीब 250-300 घराने हैं जिनके लोग ही हाई कोर्ट और सुप्रीम कोर्ट में जज बनते रहे हैं और अब भी उन्हीं के परिवार के लोग जज बन रहे हैं।

सामान्य लोगों के लिए दरवाजा बंद है। इस दरवाजे को खोलना होगा। कुशवाहा ने कहा कि आईएएस और आईपीएस की तरह ही अखिल भारतीय न्यायिक सेवा की स्थापना की जानी चाहिए।

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उन्होंने कहा कि अखिल भारतीय न्यायिक सेवा होनी चाहिए। इस संबंध में संविधान में भी लिखा गया है लेकिन आज तक उस दिशा में कुछ हुआ नहीं है।

कुशवाहा ने कहा कि संविधान में जितनी बातें लिखी गई हैं, उनका शत-प्रतिशत कार्यान्वयन जब तक नहीं होगा तब तक दलितों, पिछड़ों, ओबीसी और महिलाओं की स्थिति बेहतर नहीं बनाई जा सकती।

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