पत्रकारों की बढ़ती हत्या की हकीकत जानने त्रिपुरा पहुंचे पीसीआई प्रमुख

पीसीआईअगरतल्ला। भारतीय प्रेस प्ररिषद (पीसीआई) के अध्यक्ष न्यायमूर्ति चंद्रमौलि कुमार प्रसाद, जिन्होंने त्रिपुरा में पत्रकारों की हत्या पर स्वत: संज्ञान लिया था, त्रिपुरा के दौरे पर हैं। एक अधिकारी ने बुधवार को बताया कि पीसीआई प्रमुख यहां पहुंचे हैं और वह पत्रकारों की हत्या की जमीनी हकीकत की जानकारी लेंगे। न्यायमूर्ति प्रसाद दो अन्य सहयोगियों के साथ तीन दिनों के दौरे पर मंगलवार रात त्रिपुरा पहुंचे। बुधवार को वह पीड़ितों के घर गए और शोक संतप्त परिवारों से बातचीत की।

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सूचना विभाग के एक अधिकारी ने बताया, “पीसीआई प्रमुख ने मामले में अगरतल्ला प्रेस क्लब और कुछ लोगों समेत विभिन्न मीडिया संस्थानों से बातचीत की। उन्होंने मुख्यमंत्री माणिक सरकार से मुलाकात की है। इसके बाद वह मुख्य सचिव संजीव रंजन, पुलिस महानिदेश अखिल कुमार शुक्ला और अन्य वरिष्ठ पुलिस अधिकरियों से भी मिलेंगे।”

पश्चिमी त्रिपुरा के रामचंद्र नगर जिले में स्थित त्रिपुरा स्टेट राइफल्स (टीएसआर) के मुख्यालय में एक स्थानीय अखबार के पत्रकार सुदीप दत्ता भौमिक(50) को 21 नवंबर को गोली मारकर उनकी हत्या कर दी गई थी।

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इससे पहले 20 सितंबर को अगरतला से 25 किलोमीटर दूर मंदई में आदिवासी आधार वाले राजनीतिक दल के प्रदर्शन को कवर करते समय युवा टीवी पत्रकार शांतनु भौमिक (28) की बेरहमी से हत्या कर दी गई थी।

दोनों हत्याओं की जांच के लिए त्रिपुरा सरकार ने पहले पुलिस उपमहानिरीक्षक अरिंदम नाथ और पुलिस महानिरीक्षक जी. एस. राव की अध्यक्षता में दो अलग-अगल विशेष जांच दल (एएसआईटी) का गठन किया था।

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अरिंदम नाथ की अध्यक्षता में गठित एसआईटी ने अब तक चार टीएसआर कर्मियों को गिरफ्तार किया है, जिनमें टीएसआर बटालियन के कामांडेंट तपन देब बर्मा भी शामिल हैं। देब बर्मा त्रिपुरा पुलिस सेवा के 1998 बैच के वरिष्ठ अधिकारी हैं। उनको आईपीसी रैंक में नामित होने की प्रतीक्षा है।

भौमिक हत्या मामले में भी चार युवकों की गिरफ्तारी हो चुकी है। प्रदेश के पुलिस प्रमुख अखिल कुमार शुक्ला ने बताया कि दोनों एसआईटी की जांच प्रगति में है। शुक्ला ने कहा, “एसआईटीज अपने आरोपपत्र 90 दिनों की तय समय सीमा के भीतर दाखिल करेगी। हत्या के दोनों मामलों में प्रदेश की फोरेंसिक लैबोरेटरी की रिपोर्ट का इंतजार है।”

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