प्राइवेट पार्ट के इंफेक्शन से ऐसे करें बचाव, नहीं बढ़ेगा संक्रमण का खतरा
माता-पिता वैसे तो अपने बच्चों का हमेशा ही ख्याअल रखते हैं लेकिन टीनएज तक उनकी केयर कुछ ज्याइदा ही की जाती है। बच्चों की जरूरत और काम को ध्यान में रखते हुए माता-पिता उन्हें हर वो बातें बताते और समझाते हैं जो बतानी चाहिए। लेकिन उम्र के एक पड़ाव पर बेटियों की ज्यादा ही केयर करनी पड़ती है। ऐसा बेटियों के पीरियड्स (मासिक धर्म) के दौरान करना पड़ता है या जब उनके शरीर में हर्मोन का संतुलन बिगड़ने लगता है। इसलिए यह जरूरी है कि आपकी बेटी को हर प्राइवेट पार्ट्स से जुड़ी छोटी-बड़ी बातों के बारे में समझ और जानकारी हो।
महिलाओं की वेजाइना में खुजली होना एक आम समस्या है। इस समस्या से लगभग हर लड़की को कभी न कभी गुजरना ही पड़ता है। लेकिव जब वेजाइना का पी एच कम होने लगता है तो यह समस्या भी बढ़ने लगती है। समस्या बड़ने के साथ ही खुजली और सूजन की परेशानी भी बढ़ने लगती है।
डाउचिंग
मार्केट के केमिकल पोडक्ट के इस्तेमाल से कई सारी हानिकारक परेशानी हो जाती है जिसका आपको इल्म भङी नहीं होता है। जलन और खुजली उनमें से ही एक है। वेजाइनल डाउचिंग के कारण भी खुजली की समस्या बढ़ जाती है।
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हाइजीन की कमी
हमेशा वेजाइना को साफ-सुथरा रखें। खासतौर पर पीरियड्स के दौरान हाइजीन का काफी ख्याल रखना चाहिए। कई बार केलव हाइजीन की कमी से ही वेजाइना में संक्रमण, खुजली और सूजन होती है।
टैम्पून के कारण
एक टैम्पून को 4-8 घंटे में निकाल देना बेहतर होता है लेकिन यदि महिलाएं 8-10 घंटे या उससे भी अधिक समय तक टैम्पून का इस्तेमाल करती है तो इससे इंफेक्शन और वेजाइनल इचिंग हो सकती है।
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एस्ट्रोजन हार्मोन
एक उम्र में सभी महिलाओं के शरीर में एस्ट्रोजन हार्मोन बनना शुरू हो जाता है। जब इस हार्मोन का स्तर सामान्य से कम हो जाता है तो मेनोपॉज की स्थिति बन जाती है। इस कारण भी कई बार वेजाइना में खुजली और इंफेक्शन का खतरा बढ़ जाता है।