
लखनऊ के चौधरी चरण सिंह अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे के नए टर्मिनल-3 की छत बारिश में फिर टपकने लगी, जिससे एयरपोर्ट प्रशासन की सोशल मीडिया पर जमकर किरकिरी हो रही है।

2400 करोड़ रुपये की लागत से पिछले साल मार्च में शुरू हुए इस टर्मिनल की बोर्डिंग हॉल में शुक्रवार को बारिश का पानी तेजी से टपकता देखा गया। पानी को फर्श पर फैलने से रोकने के लिए कर्मचारियों ने आनन-फानन में जगह-जगह प्लास्टिक के टब रखे। इस घटना की तस्वीरें और वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो गए, जिससे यात्रियों और आम लोगों ने निर्माण की गुणवत्ता पर सवाल उठाए।
यात्रियों ने बताया कि बोर्डिंग हॉल में छत से पानी टपकने से हड़कंप मच गया। शिकायतों के बाद प्रशासन ने टब लगाकर स्थिति को नियंत्रित करने की कोशिश की। इससे पहले भी पिछले साल जून में बारिश के दौरान टर्मिनल की छत टपकने की घटना सामने आई थी, जिसके बाद प्रशासन ने मामूली मरम्मत का दावा किया था। लेकिन ताजा घटना ने एक बार फिर निर्माण की गुणवत्ता और रखरखाव पर सवाल खड़े कर दिए हैं।
एयरपोर्ट प्रवक्ता ने दावा किया कि टर्मिनल की संरचना उच्च गुणवत्ता वाली है और दिल्ली हवाई अड्डे जैसी घटना की कोई संभावना नहीं है। उन्होंने कहा कि पानी टपकने के कारणों की जांच की जा रही है और जल्द ही मरम्मत कर ली जाएगी। हालांकि, यात्रियों ने न केवल छत टपकने की शिकायत की, बल्कि व्हीलचेयर जैसी सेवाओं के लिए अतिरिक्त शुल्क और टर्मिनल में बैठने की अपर्याप्त व्यवस्था पर भी नाराजगी जताई।
आंचलिक मौसम विज्ञान केंद्र के वरिष्ठ वैज्ञानिक अतुल कुमार सिंह के अनुसार, बंगाल की खाड़ी में बने मौसमी सिस्टम की सक्रियता के कारण बारिश का सिलसिला अगले कुछ दिनों तक जारी रहेगा। शुक्रवार को लखनऊ में 9 मिमी बारिश दर्ज की गई, जिससे अधिकतम तापमान 29.2 डिग्री सेल्सियस और न्यूनतम 27 डिग्री सेल्सियस रहा। मौसम विभाग ने शनिवार को भी 30 जिलों में भारी बारिश का यलो अलर्ट जारी किया है।
इस घटना ने हाल के दिनों में देश के अन्य हवाई अड्डों, जैसे दिल्ली और राजकोट में छत से संबंधित घटनाओं के बाद निर्माण गुणवत्ता पर बहस को और तेज कर दिया है। यात्रियों ने मांग की है कि प्रशासन इस मामले की गहन जांच करे और टर्मिनल को पूरी तरह सुरक्षित बनाए।