एनालिटका मामले में फेसबुक ने गलती कबूली, होंगे बदलाव

नई दिल्ली: फेसबुक पर डाटा लीक मामले पर जुकरबर्ग घिरते नजर आ रहे हैं. निजी जानकारियों के सार्वजनिक होने से सुरक्षा के आश्वासन पर कई सवाल खड़े किये जा रहे हैं. एनालिटिका मामले पर फेसबुक के सीईओ मार्क जकरबर्ग ने फेसबुक पर पोस्ट लिखा है. अपने पोस्ट में उन्होंने बताया है कि कंपनी ने इस मामले में अभी तक कई कदम उठाए हैं और आगे भी कड़े कदम उठा सकती है. जकरबर्ग ने कैम्ब्रिज एनालिटिका के मामले में अपनी गलती को कबूला है.जुकरबर्ग

फेसबुक पर आरोप है कि अमेरिका के राष्ट्रपति चुनाव में डोनाल्ड ट्रम्प की मदद करने वाली एक फर्म ‘कैम्ब्रिज एनालिटिका’ पर लगभग 5 करोड़ फेसबुक यूजर्स के निजी जानकारी चुराने के आरोप लगे हैं. इस जानकारी को कथि‍त तौर पर चुनाव के दौरान ट्रंप को जिताने में सहयोग और विरोधी की छवि खराब करने के लिए इस्तेमाल किया गया है.

जकरबर्ग ने लिखा कि 2014 में हमने एप्स और डेटा शेयरिंग के तरीकों को पूरी तरह से बदल दिया. जिसके बाद अगर कोई अन्य एप किसी यूजर का डेटा मांगती है, तो उसे पहले यूजर से पूछना पड़ेगा. लेकिन 2015 में एक अखबार की रिपोर्ट से पता लगा कि कोगन ने ये डाटा कैंब्रिज एनालिटका कंपनी के साथ शेयर किया है. जो कि नियमों के खिलाफ था. जिसके बाद हमने तुरंत ही कोगन की एप्लिकेशन को फेसबुक से बैन कर दिया. हमने कोगन और कैंब्रिज एनालिटका से सभी यूजर्स का डेटा डिलीट करने को कहा और इसका सर्टिफिकेट देने को भी कहा.

यह भी पढ़ें: भारत के दौरे पर जर्मन राष्ट्रपति, PM मोदी के साथ करेंगे ‘दर्शन’

जकरबर्ग ने लिखा कि लोगों के डेटा को सुरक्षित रखना हमारी जिम्मेदारी है, अगर हम इसमें फेल होते हैं तो ये हमारी गलती है. उन्होंने कहा कि हमने इसको लेकर पहले भी कई कदम उठाए थे, हालांकि हमसे कई गलतियां भी हुईं लेकिन उनको लेकर काम किया जा रहा है. उन्होंने लिखा कि फेसबुक को मैंने शुरू किया था, इसके साथ अगर कुछ भी होता है तो इसकी जिम्मेदारी मेरी ही है. हम अपनी गलतियों से सीखने की कोशिश करते रहेंगे, हम एक बार फिर आपका विश्वास जीतेंगे.

अपने फेसबुक पोस्ट मे जकरबर्ग ने पूरे मामले की टाइमलाइन को समझाया. जकरबर्ग ने लिखा कि 2007 में हमने फेसबुक में कई तरह की चीज़ों को अपडेट किया. इसमें दोस्तों के जन्मदिन, एड्रेस बुक, मैप्स जैसे कई एप्स शामिल थे. इसके लिए हमने फेसबुक यूज़र से कुछ जानकारी ली, जिसमें उनके दोस्त कौन हैं जैसी जानकारी शामिल थी.

यह भी पढ़ें: ‘राम मंदिर निर्माण हमारा संकल्प’

अब यूजर्स को भरोसा दिलाते हुए जकरबर्ग ने अपने पोस्ट में लिखा कि पिछले हफ्ते में हमें पता लगा कि कंपनी ने यूजर्स का डेटा डिलीट नहीं किया है. जिसके बाद हमनें उन्हें हमारी सर्विस को यूज़ करने से बैन कर दिया. जकरबर्ग ने अपने पोस्ट में ये भी बताया कि वह किस तरह आगे ऐसी डेटा चोरी की घटनाओं को रोकेंगे. उन्होंने लिखा कि फेसबुक अब सभी एप्लिकेशन की जांच करेगा, जो उनके साथ जुड़ी हुई हैं. जो भी डेवलपर ऑडिट करवाने को राज़ी नहीं होगा उसे बैन किया जाएगा.

उन्होंने बताया कि हम अगले एक महीने में न्यूज़ फीड में कुछ बदलाव करेंगे, जिससे यूज़र कुछ एप से अपने आप को साइन आउट कर सकेगा. ये टूल अभी भी सेटिंग में मौजूद है, लेकिन अब इसे न्यूज़ फीड में लाया जाएगा.

LIVE TV