लखनऊ। वाराणसी के डीरेका इंटर कालेज में प्रधानमंत्री के सारथी बने ई-रिक्शा चालक बॉबी के मन में मलाल रह गया। उसने डीरेका मैदान में पीएम को ई-रिक्शा की सैर तो कराई लेकिन किराया नहीं मांग सका। हालांकि प्रधानमंत्री से मुलाकात कर उसके पैर जमीन पर न थे। बकौल बॉबी किराए के तौर पर पीएम से जो भी मिलता वह मेरे लिए एक यादगार धरोहर की तरह होता। सिगरा निवासी बॉबी ने कहा, अपना भाड़ा छोडूंगा नहीं, अगली बार पीएम जब भी आएंगे भाड़ा जरूर लूंगा। बॉबी पांच साल से पैडल रिक्शा चलाते थे। तीन महीने पहले ही उन्होंने अपना पैडल रिक्शा बदलकर ई-रिक्शा लिया। बॉबी ने बताया कि पीएम जब रिक्शे पर बैठने आए तो पहले मोदी ने उससे पूछा क्या नाम है भईया तुम्हारा। मैंने नाम बताया बॉबी…, तो उन्होंने पूछा कि अरे भाई, रिक्शे पर बैठ जाऊं तो रिक्शा पलटोगे तो नहीं? ये सुनते ही उसने फौरन जवाब दिया कि सर अगर भाग्य में पलटना लिखा होगा तो कौन रोक पाएगा। ये जवाब सुनते ही पीएम हंस पड़े और कहा- चलो भाई फिर चलते हैं और बैठ गए रिक्शे की पिछली सीट पर।
शॉर्ट सर्किट से लगी आग
अस्सी घाट पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के ई बोट वितरण कार्यक्रम से ठीक पहले मंच के पास शार्ट सर्किट से आग लग गई। हालांकि, वहां मौजूद सुरक्षाकर्मियों ने आग पर तुरंत ही काबू पा लिया और एक हादसा टल गया। यह हादसा पीएम के कार्यक्रम स्थल पर पहुंचने से करीब 20 मिनट पहले हुआ। इस दौरान मंच पर मौजूद महापौर राम गोपाल मोहले, विधायक ज्योत्सना श्रीवास्तव व रवींद्र जायसवाल और विधान परिषद सदस्य लक्ष्मण आचार्य मंच से नीचे की ओर भागे। बाद में वायरलेस सिस्टम से पीएम ने लोगों को संबोधित किया।
जब उडऩखटोला उतरा
तीन हेलीकाप्टरों के काफिले के साथ बलिया के माल्देपुर पहुंचे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का उडऩखटोला जब हेलीपैड पर उतरा तो वहां पहले ही पीएम को मंच तक ले जाने के लिए लग्जरी गाड़ी खड़ी थी। हेलीकाप्टर से उतरने के बाद प्रधानमंत्री ने लोगों का अभिवादन स्वीकार किया। फिर लोगों ने वाहन में बैठने का आग्रह किया तो मोदी ने इसे अस्वीकार कर दिया तथा हेलीपैड से मंच तक लगभग 150 मीटर की दूरी पैदल ही तय की। इस दौरान वे उपस्थित जन समुदाय का अभिवादन भी स्वीकार करते रहे।