स्वामी चिन्मयानंद मामलाः छात्रा की जमानत अर्जी मंजूर, जानें पूरा मामला

प्रयागराजः इलाहाबाद हाईकोर्ट ने स्वामी चिन्मयानंद को ब्लैकमेल करने की आरोपी यौन उत्पीड़न पीड़िता छात्रा की जमानत अर्जी मंजूर कर ली है। यह आदेश न्यायमूर्ति एसडी सिंह ने दिया है।

अर्जी पर वरिष्ठ अधिवक्ता रवि करण जैन, राज्य सरकार के शासकीय अधिवक्ता एसके पाल व चिन्मयानंद के वरिष्ठ अधिवक्ता दिलीप कुमार ने बहस की। याची अधिवक्ता का कहना था कि छात्रा के साथ स्वामी ने लंबे समय तक दुराचार किया और उसे ब्लैकमेल के आरोप में झूठा फंसाया है। मामले की जांच कर रही एस आई टी ने छात्रा द्वारा नई दिल्ली, लोधी थाने में की गई शिकायत की प्राथमिकी दर्ज नहीं की है।

और मामले की ठीक से विवेचना नहीं की जा रही है छात्रा का लगातार शोषण किया गया और उसे ही आरोपी बनाकर जेल में डाल दिया गया है। जबकि चिन्मयानंद की तरफ से कहा गया कि आरोपी छात्रा ने अपने मित्रो के साथ 5 करोड रुपए की रंगदारी मांगी। और बदनाम करने की धमकी दी है। जिसकी रिकॉर्डिंग एसआईटी को सौंपी गई है।

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5 करोड़ रुपए न देने के कारण छात्रा ने चिन्मयानंद के खिलाफ दुराचार का झूठा आरोप लगाया है। एसआईटी ने मामले में चार्जशीट दाखिल कर दी है। छात्रा वीडियो क्लिपिंग्स की मूल कापी छिपा रही है। दोनों पक्षों को सुनने के बाद कोर्ट ने केस की मेरिट पर कोई अभिमत न देते हुए पीड़ित छात्रा की जमानत अर्जी मंजूर कर लिया है।

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