सच आया सामने !  एक लाख उपभोक्ताओं ने दबा रखा हैं पीवीवीएनएल का करोड़ो रूपये…

राजधानी लखनऊ में हाल ही में बिजली विभाग में बड़ा छापा पड़ा हैं। जिसमे काफी चीज़े सामने आई हैं। बतादें की बिजली उपभोक्ताओं द्वारा बकाया बिल ऐडा न करने के कारण पीवीवीएनएल की हालत खराब होती जा रही है।
खबरों की माने तो आरसी जारी होने के बाद भी ये उपभोक्ता बकाया नहीं दे रहे हैं। कंपनी अधिकारियों का कहना है कि जो भी बकायेदार बकाया अदा नहीं करेगा उसके खिलाफ राजस्व विभाग से कार्रवाई की जाएगी।
भारी घाटे से जूझ रही प्रदेश की बिजली कंपनियों को संजीवनी देने के लिए केंद्र सरकार ने उदय योजना के तहत भारी वित्तीय मदद की है। ये मदद बिजली चोरी का ग्राफ 15 फीसदी तक लाने और राजस्व वसूली बेहतर करने की शर्त पर दिया गया है।
वहीं पीवीवीएनएल को भी उदय योजना से करोड़ों रुपये की वित्तीय मदद मिली हुई है, लेकिन राजस्व वसूली और बिजली चोरी का ग्राफ अपेक्षा से कम होने के चलते वित्तीय मदद पर खतरे के बादल मंडराने लगे हैं। इससे बचने के लिए कंपनी ने उन उपभोक्ताओं से बकाया वसूली करने की कवायद तेज कर दी है जिनकी आरसी काटी जा चुकी है।

दरअसल कंपनी एमडी अरविंद मल्लप्पा बंगारी के मुताबिक इन बकायेदार उपभोक्ताओं से वसूली के लिए कंपनी के अधिकारी नियुक्त कर दिए हैं। ये अधिकारी राजस्व विभाग से समन्वय स्थापित कर बकाये की वसूली करेंगे।

बंगारी ने बताया कि मुरादाबाद में सर्वाधिक बकायेदार है। इस जोन में 48 हजार 806 उपभोक्ताओं की आरसी काटी गई है। इन पर विभाग का 290 करोड़ रुपये बकाया चल रहा है।

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