बारिश ने बिगाड़ी कुंभ की व्यवस्था, जलभराव व कीचड़ से श्रद्धालुओं का पैदल चलना मुश्किल…
भटककर आए बादलों ने शुक्रवार सुबह को ऐसा डेरा जमाया कि दुबके सूरज को धूप दिखाने का मौका नहीं मिला। पछुआ विक्षोभ की सक्रियता से पिछले कई दिनों से रुक रुक कर बारिश हो रही है।
इससे पारा भी धड़ाम हो गया। नमी के उच्च स्तर पर रहने और बर्फीली हवाओं के कारण गलन फिर बढ़ गई।
मौसम विज्ञानियों के मुताबिक अगले कुछ दिनों में और बारिश के आसार हैं। ठंड अभी और बढे़गी।
कई सेक्टरों में हवा से शौचालय और घाटों पर चेंजिंग रूम उखड़ गए। अस्थायी डेरे, छावनी उड़ गई।
घाटों पर फिसलन बढ़ गई। जगह-जगह जलजमाव और कीचड़ से श्रद्धालुओं का पैदल चलना मुश्किल हो गया।
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तेज आंधी के बाद बरसा पानी कल्पवासियों के साथ-साथ मेले में कारोबार करने वालों की मुश्किलें बढ़ गईं।
बैरिकेडिंग और सड़क के बीच पॉलिथीन की छावनी बनाकर रहने वालों के तंबू उड़ गए। रात भर लोग ठिठुरते रहे।
मीना बाजार में कई दुकानों में तेज बौछार से पड़ा बारिश का पानी नुकसान का कारण बना।