लगभग सभी राज्यों को देना पड़ सकता है करोंड़ों का पर्यावरणीय जुर्माना

नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल (एनजीटी) के आदेश के बावजूद देश के 25 से अधिक राज्यों ने प्लास्टिक कचरे के निपटारे पर अपना एक्शन प्लान केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (सीपीसीबी) को समय सीमा खत्म होने के बाद भी नहीं सौंपा है। इस आदेश का पालन नहीं करने के लिए संबंधित राज्यों को इसके लिए न सिर्फ एक-एक करोड़ रुपये का पर्यावरणीय जुर्माना भरना पड़ सकता है, बल्कि संबंधित राज्यों के अधिकारियों को कारावास की सजा भी भुगतनी पड़ सकती है।

पर्यावरणीय जुर्माना

एनजीटी ने अपने एक आदेश में सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को 30 अप्रैल की समय सीमा तक प्लास्टिक कचरे के निपटारे का एक्शन प्लान सीपीसीबी को सौंपने के लिए कहा था। साथ ही आदेश का पालन करने में विफल होने वाले राज्यों पर प्रतिमाह एक करोड़ रुपये की दर से पर्यावरणीय जुर्माना लगाने का आदेश दिया था। एनजीटी ने अपने आदेश में यह गौर किया था कि आंध्र प्रदेश, पुडुचेरी, सिक्किम और पश्चिम बंगाल को छोड़कर सभी राज्य और केंद्र शासित प्रदेश अपना एक्शन प्लान पेश करने में विफल रहे हैं।

एनजीटी ने नियमों के बावजूद खुले में जलाए जाने वाले प्लास्टिक कचरे की वजह से नालियों के जाम होने और सड़कों पर यहां वहां फेंके जाने वाले प्लास्टिक पर नियंत्रण और अंकुश न लगाए जाने के बाद यह आदेश दिया था।

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सीपीसीबी के पूर्व अतिरिक्त निदेशक एसके निगम ने कहा कि जिन राज्यों ने आदेश का पालन नहीं किया है उनके खिलाफ हम एनजीटी जाएंगे। संबंधित राज्यों को न सिर्फ जुर्माना देना होगा, बल्कि अधिकारियों को कारावास की सजा भी हो सकती है। ज्यादातर राज्य प्लास्टिक और ठोस कचरे के प्रबंधन नियमों का पालन नहीं कर रहे हैं यह नगर निगमों की प्राथमिकताओं की किसी सूची में सबसे नीचे स्थान रखता है। सीपीसीबी एनजीटी से सभी राज्यों पर बड़ा जुर्माना लगाने की सिफारिश भी करेगी।

गैर सरकारी संस्थान इंडियन पोल्यूशन कंट्रोल एसोसिएशन (आईपीसीए) के अध्यक्ष आशीष जैन ने इस मुद्दे पर कहा कि ज्यादातर प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के अधिकारियों को इस संबंध में बेहद कम जानकारी होती है। साथ ही राज्य और केंद्र के अधिकारियों का आपसी तालमेल भी अच्छा नहीं होता। पर्यावरण मंत्रालय को जरूरत है कि वह राज्य स्तरीय अधिकारियों की जागरूकता में वृद्धि के लिए कोई कार्यक्रम शुरू करे, ताकि उन्हें प्लास्टिक कचरे की छटाई और निपटारे को लेकर उपाय भी बताए जाएं।

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