
राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने भारतीय संविधान के अनुच्छेद 80(1)(क) और खंड (3) के तहत अपनी शक्तियों का उपयोग करते हुए राज्यसभा के लिए चार प्रतिष्ठित व्यक्तियों को मनोनीत किया है।

इनमें मशहूर सरकारी वकील उज्ज्वल देवराव निकम, पूर्व विदेश सचिव हर्षवर्धन श्रृंगला, प्रख्यात इतिहासकार मीनाक्षी जैन और केरल के समाजसेवी व शिक्षाविद् सी. सदानंदन मास्टर शामिल हैं। यह नामांकन पूर्व मनोनीत सदस्यों की सेवानिवृत्ति से रिक्त हुई चार सीटों को भरने के लिए किया गया है।
उज्ज्वल देवराव निकम:
72 वर्षीय उज्ज्वल निकम एक प्रसिद्ध सरकारी वकील हैं, जिन्होंने 1993 के मुंबई बम विस्फोटों और 26/11 मुंबई आतंकी हमलों जैसे हाई-प्रोफाइल मामलों में अभियोजन की भूमिका निभाई। उन्होंने आतंकी अजमल कसाब को फांसी की सजा दिलाने में अहम योगदान दिया था। इसके अलावा, गुलशन कुमार और प्रमोद महाजन हत्याकांड जैसे चर्चित मामलों में भी उनकी भूमिका उल्लेखनीय रही। 2024 के लोकसभा चुनाव में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने उन्हें मुंबई उत्तर मध्य सीट से उम्मीदवार बनाया था, लेकिन वह कांग्रेस की वर्षा गायकवाड़ से हार गए। निकम को 2016 में पद्मश्री से सम्मानित किया गया था।
हर्षवर्धन श्रृंगला:
पूर्व विदेश सचिव हर्षवर्धन श्रृंगला ने अपने तीन दशक से अधिक के राजनयिक करियर में अमेरिका, बांग्लादेश और थाईलैंड में भारत के राजदूत के रूप में कार्य किया। जनवरी 2020 से अप्रैल 2022 तक विदेश सचिव के रूप में उन्होंने कोविड-19 महामारी के दौरान वैक्सीन डिप्लोमेसी और भारत की वैश्विक भूमिका को मजबूत करने में महत्वपूर्ण योगदान दिया। वह 2023 में भारत की जी20 अध्यक्षता के मुख्य समन्वयक भी रहे। उनकी नियुक्ति उनके कूटनीतिक अनुभव के आधार पर महत्वपूर्ण मानी जा रही है।
सी. सदानंदन मास्टर:
केरल के समाजसेवी और शिक्षाविद् सी. सदानंदन मास्टर ने ग्रामीण शिक्षा, बाल कल्याण और वंचित समुदायों के सशक्तिकरण के लिए दशकों तक काम किया है। 1994 में माकपा कार्यकर्ताओं के हमले में उनकी दोनों टांगें काट दी गई थीं, लेकिन इसके बावजूद उन्होंने शिक्षा और समाजसेवा में योगदान जारी रखा। वह राष्ट्रीय शिक्षक संघ के केंद्रीय उपाध्यक्ष और ‘नेशनल टीचर्स न्यूज़’ के संपादक भी हैं। 2021 में भाजपा ने उन्हें केरल विधानसभा चुनाव में कुथुपरम्बा से उम्मीदवार बनाया था।
मीनाक्षी जैन:
डॉ. मीनाक्षी जैन एक प्रख्यात इतिहासकार और शिक्षाविद् हैं, जो दिल्ली विश्वविद्यालय के गार्गी कॉलेज में इतिहास की एसोसिएट प्रोफेसर रह चुकी हैं। उनकी पुस्तकें जैसे ‘सती’, ‘राम और अयोध्या’ और ‘फ्लाइट ऑफ डीइटीज़’ भारतीय सांस्कृतिक विरासत पर शोध के लिए अंतरराष्ट्रीय स्तर पर मान्यता प्राप्त हैं। उन्हें 2020 में पद्मश्री से सम्मानित किया गया था। वह भारतीय ऐतिहासिक अनुसंधान परिषद की पूर्व सदस्य भी रह चुकी हैं।
नामांकन का महत्व:
भारतीय संविधान के अनुच्छेद 80 के तहत, राष्ट्रपति को कला, साहित्य, विज्ञान और सामाजिक सेवा जैसे क्षेत्रों में विशेष योगदान देने वाले 12 व्यक्तियों को राज्यसभा में मनोनीत करने का अधिकार है। ये नियुक्तियां संसद के उच्च सदन में विविध विशेषज्ञता और दृष्टिकोण लाने के लिए की जाती हैं, ताकि विधायी चर्चाओं को समृद्ध किया जा सके। वर्तमान में राज्यसभा में कुल 245 सदस्य हैं, जिनमें 233 निर्वाचित और 12 नामांकित सदस्य शामिल हैं।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इन मनोनीत सदस्यों को शुभकामनाएं दी हैं। उन्होंने विशेष रूप से उज्ज्वल निकम की कानूनी सेवाओं और संवैधानिक मूल्यों के प्रति समर्पण की सराहना की।