… तो इस वजह से इस गांव के लोग मौत को लगा रहे हैं गले

पिथौरागढ़ जिले में लिंगुरानी ग्राम पंचायत के तोक भूनी में सड़क नहीं होने गांव के छह रोगियों को उपचार की सुविधा नहीं मिल पा रही है। इसी गांव की दो बुजुर्ग महिलाओं की अस्पताल लाते वक्त रास्ते में ही मौत हो गई थी। इन दोनों महिलाओं को ग्रामीण डोली में बैठाकर सीएचसी बेड़ीनाग ला रहे थे। हाल यह है कि गांव में अभी तक डाक्टरों की टीम भी नहीं पहुंची है। सोमवार को यहां आशा वर्कर और एएनएम पहुंचीं।
गांव

भूनी तोक में करीब 40 परिवार रहते हैं। बेड़ीनाग से यह तोक करीब 13 किलोमीटर दूर है। गांव के लोगों को नजदीक के बेड़ीनाग अस्पताल तक पहुंचने के लिए तीन किलोमीटर पैदल और दस किलोमीटर वाहन से सफर करना पड़ता है। शनिवार रात यहां बुजुर्ग महिला जयंती देवी और धरमा देवी की तबियत बिगड़ी तो ग्रामीण उन्हें डोली में सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र लाने लगे। दोनों बीमार महिलाओं ने पैदल रास्ते में ही दम तोड़ दिया।

सड़क न होने से नाराज हैं लोग

सोमवार को अमर उजाला संवाददाता गांव पहुंचा तो हालात कुछ ज्यादा ही खराब नजर आए। गांव में अभी मृतका जयंती देवी के पति फकीर सिंह (80) , हरुली देवी (70) और अन्य चार लोग बीमार हैं। गांव के लोग इन्हें अस्पताल तक पहुंचाने की हिम्मत नहीं जुटा पा रहे हैं। सोमवार को यहां एएनएम देवकी धानिक और आशा सीता भौंरियाल पहुंची। प्रशासन का कहना था कि यहां डाक्टरों की टीम भेजी जाएगी। यह ऐलान करने के बाद भी यहां डाक्टरों की टीम नहीं पहुंची।

ग्रामीणों में इस बात को लेकर नाराज हैं कि सड़क कई वर्ष पूर्व स्वीकृत होने के बावजूद अभी तक नहीं बनी है। ग्रामीण इस मांग को लेकर प्रदर्शन भी कर चुके हैं। इनका कहना है कि सड़क 2014 में स्वीकृत हो गई थी लेकिन अभी तक नहीं बनी। क्षेत्र पंचायत सदस्य बहादुर सिंह बोहरा ने बताया कि वन भूमि के पेंच में सड़क निर्माण अटका हुआ है। लोक निर्माण विभाग के अधिशासी अभियंता एसडी पांडेय ने बताया कि सड़क का मामला वन भूमि हस्तांतरण में अटका है।

शादी करने से कतराते हैं लोग

पैदल रास्ता होने के चलते दूसरे गांव के लोग भी भूनी में विवाह संबंध बनाने से कतराते हैं। नजदीकी सड़क के लिए गांव के दो रास्ते हैं। एक रास्ते पर तीन किलोमीटर की चढ़ाई है और दूसरे रास्ते पर तीन किलोमीटर ढलान है।

भूनी में रहते हैं बुजुर्ग और महिलाएं 
तोक भूनी में महिलाएं, बुजुर्ग और बच्चे ही रहते हैं। ग्रामीण भूपाल सिंह और हर सिंह ने बताया कि रोजगार के लिए युवा मैदानी क्षेत्रों में हैं।

पड़ोसी गांव के लोगों की मदद से हुआ था अंतिम संस्कार

रविवार को जब दो महिलाओं की मौत हुई तो उनके शवों कंधा देकर थल रामगंगा घाट पर ले जाने के लिए पड़ोसी गांव गढ़तिर से लोग आगे आए। उन्होंने दोनों शवों को रामगंगा घाट पहुंचा कर अंतिम संस्कार किया।

भूनी में आज लगा स्वास्थ्य कैंप
उप जिलाधिकारी तुषार सैनी के निर्देश पर आज भूनी तोक में स्वास्थ्य शिविर लगाकर मरीजों की जांच की गई। स्वास्थ्य केंद्र के प्रभारी डॉ. सिद्धार्थ पाटनी ने बताया कि गांव में मरीजों की जांच कर उन्हें दवा उपलब्ध कराई गई।

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