ड्यूटी के समय वाट्सएप इस्तेमाल करने पर लगा बैन

वाट्सएपनई दिल्ली। अस्पतालों के पैरामेडिकल व सहायक कर्मचारियों पर अक्सर यह आरोप लगता है कि उनके व्यवहार से मरीज परेशान होते हैं। डॉक्टर भी यह दावा करने से नहीं चूकते, लेकिन केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रलय के ‘मेरा अस्पताल’ अभियान के तहत कराए गए सर्वे में यह बात सामने आई है कि कर्मचारियों से कम, डॉक्टरों व नर्सो के व्यवहार से मरीज अधिक परेशान होते हैं। इसका एक कारण डॉक्टर व नर्सो का मोबाइल पर अधिक व्यस्त रहना भी है। इसके मद्देनजर सफदरजंग अस्पताल प्रशासन ने डॉक्टर, नर्स और कर्मचारियों को निर्देश दिया है कि अस्पताल में ड्यूटी के वक्त मोबाइल व वाट्सएप पर चैटिंग में समय बर्बाद न करें।

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सर्वे में यह बात सामने आई थी कि सफदरजंग अस्पताल में पहुंचने वाले 30 फीसद मरीज वहां के इलाज की सुविधा से संतुष्ट नहीं हैं। 36 फीसद मरीज कर्मचारियों के व्यवहार से परेशान हैं, जिसमें 35 फीसद मरीज डॉक्टरों व 14 फीसद मरीज नर्सो के व्यवहार से परेशान होते हैं। 13 फीसद मरीज एक्सरे तकनीशियन, 5 फीसद मरीज फार्मासिस्ट, 9 फीसद मरीज वार्ड ब्वॉय व 24 फीसद मरीज अन्य कर्मचारियों के व्यवहार से परेशान होते हैं। इस सर्वे के बाद केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रलय ने अस्पताल प्रशासन को स्थिति में सुधार करने का निर्देश दिया। अस्पताल प्रशासन का कहना है कि मंत्रलय की भी शिकायत थी कि इमरजेंसी में डॉक्टर मोबाइल और वाट्सएप पर व्यस्त रहते हैं। इन मुद्दों के मद्देनजर अस्पताल के चिकित्सा अधीक्षक ने 1 अगस्त को विभागाध्यक्षों के साथ बैठक की।

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अस्पताल के चिकित्सा अधीक्षक डॉ. एके राय ने कहा कि इस फीडबैक के बाद यह निर्देश जारी किया गया कि ड्यूटी के दौरान कोई भी कर्मचारी मोबाइल व वाट्सएप का इस्तेमाल न करे। बहुत जरूरी होने पर ही डॉक्टर, नर्स व कर्मचारी मोबाइल का इस्तेमाल करें। मरीजों की भी शिकायत थी कि डॉक्टर उन्हें समय नहीं देते। उम्मीद है कि इस पहल से डॉक्टर पूरा समय मरीजों को दे पाएंगे।

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