जानिए बाबची के औषधि प्रयोग और नुकसान
बाबची एक औषधि है जिसे बावची , बकुची या बाकुची के नाम से भी जाना जाता है। इसका बीज काले रंग का होता है। बाकुची के बीजों से तेल प्राप्त किया जाता है, जिसके तेल का उपयोग औषधीय रूप में भी किया जाता है। यह स्वाद में थोड़ा मीठा, कड़वा और तीखा होता है। बाबची का बीज भूख बढ़ाने में मदद करता है। यह सफेद दाग, चर्म रोग, खुजली और कुष्ठ रोग की समस्या को दूर करने में मदद करता है। यह दांत दर्द को दूर करने, दांत के कीड़े व पेट के कीड़ों को मारने में सक्षम है। इसके बीज में ऐसा यौगिक पाया जाता है जो यौन रोग को दूर करने में सक्षम है। ऐसे कई बाबची के फायदे आज हम आपको अवगत कराने जा रहे हैं…
बाबची के फायदे – Babchi ke fayde
1. सफेद दाग से छुटकारा दिलाएं
6 चम्मच बाबची के बीज में 6 चम्मच तिल मिलाकर पीसकर चूर्ण बना ले। फिर एक साल तक सुबह शाम एक चम्मच चूर्ण को ठंडे पानी के साथ सेवन करे। इसके अलावा बाबची के पौधे को रात में एक बर्तन में पानी में भिगों कर रख दें और सुबह इस पानी को पिए। इस उपचार से भी सफ़ेद दाग धीरे धीरे चला जाता है।
2. अकूते के फोड़े
अकूते के फोड़े होने पर 50 ग्राम बाबची के चूर्ण को सरसों के तेल में मिलाकर फोड़े पर कुछ दिन तक लगाए इससे फोड़े नष्ट हो जाएंगे।
3. खांसी को दूर भगाए
अगर आप खांसी से परेशान है तो इस घरेलू उपचार को अपनाए। 1 ग्राम बावची के बीजों को पीसकर चूर्ण बना लें। फिर एक चुटकी चूर्ण में थोड़ा अदरक का रस मिलाकर दिन में 3 से 4 बार सेवन करे। इससे खांसी में आराम मिलता है।
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4. यौन रोग
बाबची का फल यौन रोग को दूर करने में सहायक है। अतः यौन रोग की समस्या से ग्रसित व्यक्ति बाबची के फल का सेवन करें।
5. पीलिया
पीलिया या जवाइंडिस हो जाने पर रोजाना सुबह शाम 10 मिलीलीटर पुनर्ववा के रस में 1/2 ग्राम पिसी हुई बाबची के बीजों का चूर्ण मिलाकर सेवन करे। इससे पीलिया रोग में लाभ प्राप्त होता है।
6. बवासीर
अगर आप बवासीर रोग से परेशान है तो 5 ग्राम हरड़, 5 ग्राम सौंठ और 2 ग्राम बाबची के बीज को मिलाकर बारीक़ चूर्ण बना लें। फिर सुबह शाम 1/2 चम्मच चूर्ण गुड़ के साथ सेवन करे। इससे बवासीर रोग में आराम मिलता है।
7. बांझपन को दूर करने के लिए
मासिक-धर्म से शुद्ध होने के बाद बावची के बीजों को तेल में पीसकर योनि में रखने से गर्भधारण करने की क्षमता हो जाती है।
8. कुष्ठ रोग या कोढ़ रोग या चर्म रोग
थोड़े से बताशे में 5 बूंद बाबची का तेल डालकर कुछ दिनों तक खाने से कुष्ठ रोग या कोढ़ रोग या चर्म रोग में आराम मिलता है। इसके अलावा बाबची के चूर्ण का काढ़ा बनाकर पीने से भी आरम मिलता है।
9. कृमि नाशक
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बाबची के बीज में कृमिनाशक गुण विद्यमान है इसीलिए पेट में कीड़े होने पर रोजाना 1/4 चम्मच बाबची के चूर्ण का सेवन करे। इससे पेट के कीड़े नष्ट हो जाएंगे।
10. दांतों में कीड़े होने पर
बाबची या बाकुची की जड़ को पीस लें। फिर इसमें थोड़ी सी भुनी हुई फिटकरी मिला लें। फिर इस मिश्रण से सुबह शाम मंजन करे। इस मंजन को नियमित करने से दांत के कीड़े नष्ट हो जाते हैं और दांत दर्द भी दूर हो जाता है। इसके नियमित उपयोग से मसूड़ों की सूजन व दांतो का पीलापन भी दूर हो जाता है।
बाबची के नुकसान – Babchi ke nuksan
बाबची या बाकुची का अधिक मात्रा में सेवन सेहत को नुकसान पहुँचा सकता है। इसका अधिक मात्रा में सेवन करने से सिर दर्द, उल्टी, चक्कर आना, दस्त आना या खुजली आदि की समस्या भी हो सकती है इसीलिए इसका अधिक मात्रा में सेवन न करें।