वरिष्‍ठ आईएएस और प्रसिद्ध कवि यूकेएस चौहान का दिल्ली में निधन

लखनऊ। वरिष्‍ठ आईएएस अधिकारी और जनप्रिय कवि यूकेएस चौहान का निधन हो गया है। 60 वर्षीय चौहान बीते एक साल से कैंसर से पीडि़त थे। आईएएस यूकेएस चौहान 1986 बैच के आईएएस अफसर थे।

आईएएस यूकेएस चौहान

आईएएस यूकेएस चौहान का दिल्ली में निधन

भारत सरकार में संयुक्त सचिव पद पर तैनात आईएएस यूकेएस चौहान मूल रूप से लखनऊ के बंथरा इलाके के रहने वाले थे। बीते साल हुए वार्षिक परीक्षण में उनके शरीर में कैंसर की पुष्टि हुई थी। एक हफ्ते से वह दिल्ली स्थित संजय गांधी आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) में भर्ती थे।

यूकेएस चौधरी बेहतरीन कवि भी रहे। उन्होंने आईएएस की नौकरी के साथ हिंदी और अवधी साहित्य लेखन में भी रुचि दिखाई। उनकी कविताएं, कहानियां और लेख हिन्दी, मलयाली पत्र-पत्रिकाओं में खूब प्रकाशित होते रहे हैं। इसके अलावा उनकी कई पुस्तकें भी प्रकाशित हुईं, जिनमें “गाँठ में बाँध लूं थोड़ी चांदनी (2001) , दाना चुगते मुर्गे ( 2004), अक्कितम की प्रतिनिधि कविताएँ ( 2009) जिन्हें डर नहीं लगता (2012 ) बहुत प्रसिद्ध हुईं।

अपने इस साहित्य प्रेम की वजह से यूकेएस चौहान को 2011 में भाषा सम्मान से नवाजा गया। इसके पूर्व उन्हें अभय देव स्मारक भाषा समन्वय पुरस्कार भी मिला था। यूकेएस चौहान अक्सर साहित्य से जुड़े आयोजनों का भी हिस्सा भी बनते रहे।

लखनऊ के बंथरा  में 1956 में जन्मे यूकेएस चौहान ने केरल और उत्तर प्रदेश के साथ साथ भारत सरकार में भी अपनी सेवाओं के कारण सम्मान पाया था।

मूलतः केरल कैडर के आईएएस अधिकारी रहे यूकेएस चौहान उत्तर प्रदेश में अपनी तैनाती के दौरान सूचना निदेशक रहे। पत्रकारों से तालमेल को लेकर वे काफी लोकप्रिय भी रहे।

बॉटनी में M.Sc. की शिक्षा लेने वाले यूकेएस चौहान ने उत्तर प्रदेश में प्रतिनियुक्ति पर पांच वर्ष कार्य किया,  जहाँ उन्होंने सूचना, पर्यटन और फिल्म विकास जैसे महत्वपूर्ण विभागों की जिम्मेदारी संभाली।।

पढाई के बाद वे बैंक की नौकरी में भी गए । हालांकि कुछ समय बाद  फिर यूपी पीसीएस की परीक्षा पास करने के बाद 2 वर्ष पीसीएस संवर्ग में भी कार्य किया।

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