अमेरिका एडमिशन घोटाले में बड़ी सफलता लगी हाथ, 200 से ज्यादा गिरफ्तार छात्रों में 129 भारतीय

वॉशिंगटन। अमेरिका में एडमिशन घोटाला मामले में 200 से ज्यादा छात्रों को गिरफ्तार कर लिया गया है। जिसमें 130 विदेशी छात्र शामिल हैं और पकड़े गए इन विदेशी छात्रों में से 129 छात्र भारतीय हैं।

बताया जा रहा है कि हिरासत के दौरान कई छात्रों को ट्रैकिंग डिवाइस लगाई गई थी। उन्हें सीमा से बाहर न जाने को कहा गया था।

दरअसल अमेरिका में मान्य दस्तावेजों के बिना रह रहे लोगों को पकड़ने के लिए गृह विभाग ने एक फेक यूनिवर्सिटी बनाई थी।

खबरों के मुताबिक़ अमेरिकी एजेंट द्वारा चलाई जा रही इन फेक यूनिवर्सिटीज का खुलासा बीते बुधवार को एक स्टिंग ऑपरेशन के जरिए हुआ। इन एजेंट्स के गिरोह का टार्गेट कम या अनपढ़ स्टूडेंट होते हैं। ये इन छात्रों के वीजा का दुरुपयोग कर के इनके रहने और काम करने का इंतजाम करते हैं।

अमेरिका में पिछले दो दिन में अनेक छापेमारी हुई है और कई भारतीयों को गिरफ्तार भी किया गया है। ये लोग मेट्रो डेट्रॉइट इलाके के एक कथित फर्जी विश्वविद्यालय में बतौर छात्र रेजिस्टर्ड थे और देश भर में काम कर रहे थे। इन छात्रों का प्रत्यर्पण किया जा सकता है। अमेरिकी आव्रजन एवं सीमा शुल्क प्रवर्तन (आईसीई) ने ये छापे कोलंबस, ह्यूस्टन, अटलांटा, सेंट लुईस, न्यूयॉर्क और न्यूजर्सी आदि शहरों में मारे हैं।

जस्टिस डिपार्टमेंट के मिशिगन ब्रांच ने यह घोषणा की है कि वीजा फर्जीवाड़ा में देशभर से आठ भारतीय या भारतीय मूल के अमेरिकी लोगों को गिरफ्तार किया है।

दाखिला दिलाने के आरोप में जिन लोगों की गिरफ्तारी हुई है उनकी पहचान फ्लोरिडा के बराथ काकीरेड्डी, वर्जिनिया के सुरेश कंडाला, केंचुकी के फानीदीप क्रांति, नॉर्थ कैरोलिना के प्रेम रामपीसा, कैलिफोर्निया के संतोष समा, पेनसिल्वानिया के अविनाश ठक्कलापल्ली, जॉर्जियां के अश्वनाथ नूने और टेक्सास के नवीन प्रथिपति शामिल हैं।

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वहीं इमिग्रेशन अटॉर्नी ने दावा किया है कि गिरफ्तार किए गए युवाओं को यूनिवर्सिटी के फेक होने की जानकारी ही नहीं थी। इस बात की आलोचना की गई है कि छात्रों को पकड़ने के लिए इस तरह की योजना बनाई गई।

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