
जम्मू-कश्मीर में सुरक्षा एजेंसियों ने आतंकी नेटवर्क को नेस्तनाबूद करने के लिए व्यापक अभियान चलाया है, जिसमें कश्मीर घाटी के विभिन्न जिलों में दर्जनों ठिकानों पर छापेमारी की गई।
दिल्ली के लाल किले के पास हुए विस्फोट के कुछ घंटों पहले ही शुरू हुए इस ऑपरेशन में करीब 100 लोगों को हिरासत में लिया गया या पूछताछ के लिए बुलाया गया, जिनमें से अधिकांश ओवरग्राउंड वर्कर्स (ओजीडब्ल्यू), आतंकी सहयोगी और प्रतिबंधित संगठनों से जुड़े सदस्य हैं। विशेष रूप से कुलगाम, बड़गाम, बारामूला, शोपियां, पुलवामा और श्रीनगर जैसे जिलों में ये छापे मारे गए, जहां जम्मू-कश्मीर पुलिस की काउंटर इंटेलिजेंस विंग (सीआईके) ने मुख्य भूमिका निभाई। पुलिस के अनुसार, इनमें से कई लोग डॉक्टर हैं, जो जयश-ए-मोहम्मद (जेएम) जैसे संगठनों से जुड़े पाए गए।
यह अभियान 10 नवंबर 2025 को दिल्ली धमाके से ठीक पहले शुरू हुआ था, जब घाटी के 10 जिलों—श्रीनगर, गंदरबल, बड़गाम, बारामूला, बांदीपोरा, कुपवाड़ा, अनंतनाग, कुलगाम, पुलवामा और शोपियां—में 70 से अधिक लोकेशंस पर सर्च ऑपरेशन चलाए गए। कुलगाम में अकेले 200 से ज्यादा जगहों पर छापे मारे गए, जहां 400 से अधिक कॉर्डन एंड सर्च ऑपरेशन (सीएएसओ) पिछले चार दिनों में हो चुके हैं। इनमें ओजीडब्ल्यू, यूएपीए के आरोपी, पब्लिक सेफ्टी एक्ट के तहत बंधे व्यक्ति, आतंकी समर्थक और मारे गए या सक्रिय आतंकियों के रिश्तेदारों को निशाना बनाया गया।
बारामूला के सोपोर, जायनगीर और राफियाबाद इलाकों में 30 से अधिक ठिकानों पर समन्वित कार्रवाई हुई, जहां पाकिस्तान-आधारित कश्मीरी मूल के 16 प्रॉपर्टी और 23 ओजीडब्ल्यू से जुड़े स्थान सर्च किए गए। शोपियां में तीसरे दिन भी छापे जारी रहे, जबकि गंदरबल और पुलवामा में जामा-ए-इस्लामी (जेएआई) से जुड़े पूर्व सदस्यों के ठिकानों पर दबिश दी गई।
हिरासत में लिए गए लोगों में डॉक्टरों की संख्या करीब 60 बताई जा रही है, जो दिल्ली विस्फोट जांच से जुड़े हैं। इनमें पुलवामा के कोइल गांव के उमर नबी और मुजम्मिल शकील, तथा कुलगाम के डा. आदील अहमद राथर जैसे नाम शामिल हैं, जिनके परिवार और परिचितों को भी पूछताछ के लिए बुलाया गया है। कुछ रिपोर्ट्स में कुल 1500 से अधिक कश्मीरियों—महिलाओं और डॉक्टरों समेत—की हिरासत का जिक्र है, जो हुर्रियत नेताओं के परिवारों और युवाओं को लक्षित करती है।
पुलिस ने स्पष्ट किया कि ये कार्रवाई जेएआई और अन्य प्रतिबंधित संगठनों की गतिविधियों को पुनर्जीवित करने के प्रयासों को विफल करने के लिए है, जो यूएपीए के तहत संचालित हो रही हैं।
फॉरेंसिक जांच के लिए पुलिस ने सिम कार्ड, मोबाइल फोन, टैबलेट और अन्य डिजिटल डिवाइस जब्त किए हैं, जिनसे महत्वपूर्ण सुराग मिलने की उम्मीद है। काउंटर इंटेलिजेंस टीम ने श्रीनगर, कुलगाम, बारामूला और शोपियां के 10 चुनिंदा स्थानों पर ये छापे मारे, जहां सोशल मीडिया के दुरुपयोग और एंटी-नेशनल एक्टिविटीज से जुड़े सबूत बरामद हुए।
एक पुलिस प्रवक्ता ने कहा, “यह कार्रवाई डिजिटल खतरों को स्रोत स्तर पर ही समाप्त करने का प्रयास है, जो सार्वजनिक व्यवस्था और आंतरिक सुरक्षा की रक्षा के लिए हमारी प्रतिबद्धता को दर्शाती है।” कुल मिलाकर, 500 से अधिक लोकेशंस पर हुई इन छापेमारियों से आतंकी इकोसिस्टम को जड़ से उखाड़ने का लक्ष्य है।





