अमेरिका टैरिफ: ‘हम टैरिफ कम करने जा रहे हैं, भारत-अमेरिका व्यापार समझौते पर ट्रंप का अहम बयान

भारत और अमेरिका के बीच टैरिफ विवाद अब सुलझने की कगार पर है। राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने मंगलवार को पत्रकारों से बातचीत में साफ कहा कि भारत पर लगे उच्च टैरिफ को जल्द कम किया जाएगा, क्योंकि नई दिल्ली ने रूस से तेल खरीद को काफी हद तक घटा दिया है। इस बयान से दोनों देशों के बीच व्यापारिक तनाव कम होने की उम्मीद जगी है।

ट्रंप ने व्हाइट हाउस में संवाददाताओं से कहा, “अभी भारत पर टैरिफ बहुत ज्यादा हैं, क्योंकि वे रूस से तेल ले रहे थे। लेकिन अब उन्होंने रूस से तेल खरीदना कम कर दिया है और मैंने भी रूस के तेल व्यापार को काफी हद तक रोक दिया है। इसलिए हम भारत पर लगे टैरिफ को कम करने जा रहे हैं। हम इसे किसी भी समय, किसी भी दिन कर देंगे।” उन्होंने जोर देकर कहा कि अमेरिका और भारत एक नए व्यापार समझौते के बहुत करीब हैं, जो पुराने असंतुलित सौदों से अलग और सभी के हित में होगा।

ट्रंप ने कहा, “अभी भारत मुझे पसंद नहीं करता, लेकिन जल्द ही वे हमें फिर से पसंद करेंगे। हमें एक न्यायपूर्ण और फायदेमंद व्यापार डील मिल रही है। पहले के सौदे काफी असमान थे, लेकिन अब हम संतुलित समझौते के करीब हैं।” इस साल की शुरुआत में ट्रंप ने रूस से तेल खरीद को लेकर भारत पर अतिरिक्त 25 प्रतिशत टैरिफ लगाए थे, जिससे कुल टैरिफ 50 प्रतिशत तक पहुंच गया था। लेकिन हाल के महीनों में भारत ने रूस से आयात कम किया है, जिसका असर दिसंबर-जनवरी से दिखेगा।

ट्रंप ने भारत की प्रशंसा भी की। हाल ही में अमेरिका के नए भारत राजदूत और दक्षिण एशिया विशेष दूत सर्जियो गोर के शपथ ग्रहण समारोह में उन्होंने कहा, “भारत दुनिया की सबसे पुरानी सभ्यताओं में से एक है, सबसे बड़ा लोकतंत्र और यहां 1.5 अरब से अधिक लोग रहते हैं। हमारे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ संबंध शानदार हैं, और सर्जियो गोर इसे और मजबूत करेंगे।” ट्रंप ने गोर के कार्यक्षेत्र पर जोर देते हुए कहा कि वे अमेरिका-भारत के बीच रणनीतिक, आर्थिक और सुरक्षा संबंधों को सशक्त बनाएंगे, जिसमें निवेश बढ़ाना, अमेरिकी ऊर्जा निर्यात को प्रोत्साहन और तकनीकी सहयोग शामिल है।

भारतीय वाणिज्य मंत्री पीयूष गोयल ने 5 नवंबर को कहा था कि भारत-अमेरिका द्विपक्षीय व्यापार समझौते की वार्ता अच्छी चल रही है, लेकिन संवेदनशील मुद्दों पर समय लगेगा। पिछले पांच दौर की बातचीत के बाद पहला चरण गिरावट 2025 तक पूरा होने की उम्मीद है। ट्रंप के इस बयान से विशेषज्ञों को लगता है कि क्वाड समिट और अन्य मंचों पर संबंध और मजबूत होंगे।

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