अब यूपी पुलिस रहेगी ऑनलाइन, अफसरों को बनाना होगा ट्विटर अकाउंट

यूपी पुलिसलखनऊ। तमाम मोर्चों पर फेल हो चुकी उत्‍तर प्रदेश पुलिस एक बार फिर मित्र पुलिस बनने की कवायद में जुट गयी है। यूपी पुलिस भी अब सोशल नेटवर्किंग साइट ट्विटर पर सक्रिय होगी। इसके लिए डी‍जीपी ने आदेश जारी कर दिए हैं।

डीजीपी जावीद अहमद ने उत्तर प्रदेश के पुलिस अफसरों को ट्विटर पर सक्रिय रहने के निर्देश जारी किए हैं। इसके साथ ही ट्विटर पर सक्रियता के लिए उन्होंने एडीजी ट्रैफिक अनिल अग्रवाल, आईजी जोन लखनऊ ए. सतीश गणेश और एसएसपी गाजियाबाद एस.ए. इमैनुअल की सराहना भी की है। साथ ही एसपी कन्नौज, फतेहपुर तथा यातायात पुलिस गाजियाबाद, इलाहाबाद, लखनऊ एवं नोएडा के ट्विटर हैण्डिल की भी प्रशंसा की।

डीजीपी ने शनिवार को सर्कुलर भी जारी किया। उन्होंने कहा है कि सोशल मीडिया जनता से सीधा संबंध स्थापित करने का एक सशक्त माध्यम बन चुका है। ऐसे में इस तकनीक को अपनाना पुलिस के लिए आवश्यक हो गया है। पुलिस के सभी ट्विटर हैंडल की समीक्षा करने के बाद उन्होंने छह बिन्दुओं पर आदेश जारी किया है। उन्होंने कहा है कि सभी जिलों के ट्विटर अकाउंट अनिवार्य रूप से जिलों के नाम पर होंगे। एसपी/एसएसपी के लिए अपने पदनाम के ट्विटर अकाउंट को ऐच्छिक रखा गया है।

सर्कुलर में कहा गया है कि सभी एसपी, एसएसपी, डीआईजी रेंज व आईजी जोन सीयूजी मोबाइल पर अपने पदनाम/जिले का ट्विटर अकाउंट बनवा लें, जिससे वे यूपी पुलिस के ट्विटर अकाउंट द्वारा भेजी जाने वाली जन शिकायतों का संज्ञान ले सकें। इन अफसरों को अपने कार्य क्षेत्र में किए जा रहे उल्लेखनीय कार्यों का उल्लेख भी ट्विटर पर करने के निर्देश दिए गए हैं। एकरूपता के लिए सभी ट्विटर हैंडल की प्रोफाइल तस्वीर, बायोडाटा एवं हेडर तस्वीर यूपी पुलिस की ट्विटर आईडी के समान रखने को कहा गया है।

डीजीपी ने कहा है कि सभी एसपी, एसएसपी, डीआईजी रेंज व आईजी जोन के पीआरओ के अधीन एक स्थायी सोशल मीडिया सेल का भी गठन किया जाए जिसमें कर्मचारी दो शिफ्टों में सुबह 8 बजे से रात 10 बजे तक कार्यरत रहें। डीजीपी मुख्यालय में सोशल मीडिया सेल एक अलग अनुभाग पहले ही बनाया जा चुका है। डीजीपी मुख्यालय में ट्विटर से संबंधित प्रशिक्षण भी आयोजित किया जाएगा, जिसमें सभी संबंधित अधिकारियों और कर्मचारियों को शामिल किया जाएगा। इसका पर्यवेक्षण डीजीपी के सहायक आईजी संजय सिंघल द्वारा किया जाएगा। यह सेल डीजीपी के पीआरओर के अधीन कार्यरत रहेगी।

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