वजन को कंट्रोल रखने के साथ और भी कई फायदे हैं डिटॉक्स डाइट के, जानें पूरी बात

अक्सर त्योहारों के बाद वेइंग मशीन की सुई कुछ किलो बढ़ा कर दिखाने लगती है। खुद को पुरानी दिनचर्या में वापस लाने के लिए शरीर को डिटॉक्सीफाई करना बेहद ज़रूरी है। ऐसे में डिटॉक्स डाइट शरीर के लिए बहुत फायदेमंद होती है। फेस्टिव सीज़न में मिठाइयों और पकवानों का खूब दौर चलता है, जिस कारण न सिर्फ वज़न बढ़ता है बल्कि हेल्थ प्रॉब्लम्स जैसे कब्ज़, एंग्ज़ायटी, पेट दर्द, वॉमिटिंग जैसी समस्याएं होने लगती हैं। इन समस्याओं से बचने के लिए कई बार हम डाइटिंग शुरू कर देते हैं। डाइटीशियन की मानें तो यह तरीका सही नहीं है। ज़रूरी यह है कि हमेशा संतुलन का ध्यान रखें और त्योहार में भी अतिरिक्त कैलरीज़ लेने से बचें। थोड़े बहुत वज़न से निपटने के आसान उपाय हैं, जिनके ज़रिये चुटकियों में वज़न को नियंत्रित किया जा सकता है। खाना-पीना छोड़ देने से शरीर में कमज़ोरी आती है, इसलिए यह ज़रूरी है कि संतुलित मात्रा में आहार लें।

डिटॉक्स डाइट

डिटॉक्स डाइट क्या है

डिटॉक्स डाइट शरीर में मौज़ूद हानिकारक या टॉक्सिक तत्वों को दूर करती है। ऐसा होने पर आप तरोताज़ा महसूस करते हैं और यह वज़न कम करने में भी मददगार है। डिटॉक्स डाइट फलों व सब्जि़यों पर आधारित होती है। इससे वज़न कम होता है और आप चुस्त-दुरुस्त बने रहते हैं। इसमें उन खाद्य पदार्थों से कुछ समय के लिए तौबा कर लेते हैं, जिनमें शरीर को नुकसान पहुंचाने वाले एल्कोहॉल व कैफीन जैसे तत्व मौज़ूद होते हैं। साथ ही, शरीर को नॉन वेज, चीज़ व प्रोसेस्ड फूड से भी कुछ वक्त तक के लिए ब्रेक मिल जाता है, जिन्हें पचाने में शरीर को का$फी एनर्जी लगानी पड़ती है। इन खाद्य पदार्थों का सेवन न करने पर शरीर को हानिकारक तत्वों से लडऩे में एनर्जी का उपयोग नहीं करना पड़ता और बची हुई एनर्जी शरीर की सारी गंदगी को दूर कर उसे हेल्दी बनाती है।

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होता है यह नुकसान

न्यूयॉर्क यूनिवर्सिटी में हुई एक रिसर्च के अनुसार, डिटॉक्स डाइट से वज़न कम करने में मदद तो मिलती है लेकिन इस तरह की डाइट से न तो लंबे समय के लिए लाइफस्टाइल में बदलाव लाया जा सकता और न ही शरीर के लिए ज़रूरी न्यूट्रिएंट्स की पूर्ति की जा सकती है। इस कारण आहार बदलते ही वज़न फिर से बढ़ सकता है। डाइट के दौरान कम खाने के कारण आपको एक्सरसाइज़ के लिए पर्याप्त ऊर्जा नहीं मिल पाती। इसके अलावा पेट से जुड़ी कई समस्याओं का भी सामना करना पड़ सकता है।

इनसे दूरी है ज़रूरी

कुछ दिनों तक ऐसी चीज़ें खाना टालें, जिनमें नमक, शक्कर या तेल ज़्यादा मात्रा में हो। सादा खाना खाएं। इस दौरान बाहर के खाने से परहेज़ करें। घर पर ही वन-पॉट रेसिपी तैयार करें, जो जल्दी बन जाएगी। भूख लगने पर सेब जैसे फल खाएं। सूप, छाछ, दाल का पानी या नारियल पानी जैसी तरल चीज़ें लें। खाना खाने के बाद गुनगुना पानी पिएं। यह पाचन क्रिया को बेहतर करेगा और वसायुक्त भोजन करने पर पेट के फैट को भी बढऩे से रोकेगा। डाइट विशेषज्ञ की मानें तो नाश्ते में फल, अखरोट और सब्जि़यों के जूस पिएं। दोपहर और रात का खाना बनाते वक्त घी-तेल का प्रयोग करने से बचें और खासकर रात को दाल न खाएं, साथ ही डिनर में खाना दिन की तुलना में एक चौथाई ही खाएं। ऐसा करने पर शरीर में त्योहार के दौरान जमा हुई वसा कम होगी।

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हारों में कोल्डड्रिंक भी खूब पिया जाता है। इसलिए पानी में नींबू और अदरक का रस डालकर पिएं। यह स्वाद बढ़ाने के अलावा कोल्ड-कफ जैसी समस्याओं को कम करेगा। त्वचा कुम्हलाई व ड्राई लग रही हो तो अंडा या हरी सब्जि़यों का सेवन ज़्यादा से ज़्यादा करें।

त्योहारों पर ज़्यादा मिठाई खाई है तो ज़ाहिर है, इसे ढेर सारा पानी पीकर ही डिटॉक्सीफाई करना होगा। डिटॉक्स करने के लिए पानी से बेहतर और कुछ भी नहीं है। इससे शरीर की सारी गंदगी बाहर निकल जाती है। इसके लिए पानी में ताज़ा नींबू निचोड़कर पीने से शरीर का पीएच लेवल संतुलित बना रहेगा।

अधिक खाने के बाद सूजन या पेट फूलने जैसी समस्या हो तो गन्ना खाएं या इसका जूस पिएं, जो इन परेशानियों को कम कर देता है। न्यूट्रिशनिस्ट की मानें तो गन्ना सबसे परंपरागत डिटॉक्स है जो जॉन्डिस में भी काफी लाभदायक होता है इसे खूब चबाकर खाएं। इसमें ग्लाइकोलिक एसिड भरपूर मात्रा में पाया जाता है, जो कॉस्मेटिक्स में इस्तेमाल किया जाता है, इससे मुंहासों से मुक्ति मिलती है।

जब बात शरीर के इलेक्ट्रोलाइट को सही रखने की हो तो नारियल पानी इसमें जादुई असर करता है, इससे ब्लोटिंग भी कम होती है। यह इंस्टेंट इलेक्ट्रोलाइट को बैलेंस करता है और पेट की सूजन को कम करता है। अगर आप रात में अधिक खा लेते हैं तो सुबह आपको सबसे पहले रिकवरी के बारे में ही सोचना चाहिए। नारियल पानी में मौज़ूद फैटी एसिड आपका स्टेमिना बढ़ाता है और इसकी वजह से आप अगली सुबह फिट होने के लिए जिम या वर्कआउट को नहीं टाल सकेंगे।

पालक में डिटॉक्सिफाइंग एजेंट पाए जाते हैं। पालक को सब्ज़ी या सूप के रूप में लें। पालक के पत्तों को पीसकर पेस्ट तैयार कर लें, इसे पतला करने के लिए इसमें पानी मिलाएं। अच्छे स्वाद के लिए इसमें नींबू और काली मिर्च मिलाएं। फिर इसे पिएं।

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व्हीट ग्रास पाउडर विटमिन, मिनरल, फाइबर, अमीनो एसिड, एंजाइम और प्रोटीन जैसे पोषक तत्वों से समृद्ध होता है, जो प्रतिरक्षा प्रणाली को बढ़ावा देने और पाचन को ठीक रखने में आपकी हर संभव मदद करता है।

हमारे शरीर और ब्लड को साफ करने के लिए हरा सेब असरदार है। अन्य जूस की तुलना में इसका फ्लेवर काफी अच्छा होता है। ग्रीन एपल जूस को हर रोज़ सुबह के समय लें। यह शरीर को अंदर से साफ करता है।

भोजन में रेशे वाले फल व सब्ज़ी शामिल करें ताकि कब्ज़ न रहे। रात को सोने से पहले इसबगोल की भूसी पानी के साथ लें। दिन की शुरुआत ओट्स से करें। एक ही बार में पेट भरने की कोशिश न करें।

फोलिक एसिड, विटमिन-बी, कैल्शियम, विटमिन सी, डी और बी-12 की पर्याप्त मात्रा शरीर में बनाए रखें। रोज़ाना ज़रूरत के मुताबिक विटमिन और मिनरल्स का सेवन करें। ऐसा करना सेहतमंद रहने के लिए ज़रूरी है।

पुदीने की पत्तियों को अच्छी तरह मसल लें। इसमें नींबू का रस मिलाएं। स्वाद के लिए काली मिर्च और नमक भी डाल सकते हैं। यह शरीर में मौज़ूद टॉक्सिंस को आसानी से बाहर निकालता है।

ब्लूबेरी में बॉडी को डिटॉक्स करने के गुण होते हैं। इसमें मौज़ूद एंथोकेनाइन्स और एंटीऑक्सीडेंट शरीर में जमा विषैले पदार्थों को बाहर निकालते हैं।

चाय-कॉफी से परहेज़ करें और ग्रीन टी या हर्बल टी पिएं। इसमें मौज़ूद एंटीऑक्सीडेंट तत्व शरीर की अंदर से सफाई करता है। आप इन्हें दिन में दो या तीन बार से ज़्यादा भी ले सकते हैं।

केल लीव्स जूस में भी बेहतरीन डिटॉक्सिफाइंग एजेंट्स मौज़ूद होते हैं। केल पत्ती को पीस कर इसमें कुछ बूंदें नींबू, एक टीस्पून कसी हुई अदरक और खीरे का रस मिलाएं। एक अच्छा जूस तैयार हो जाएगा।

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