World Books and Copyright Day : स्मार्टफोन और इंटरनेट के कारण हमसे दूर मानव जीवन का महत्वपूर्ण हिस्सा
एक चीनी कहावत है ‘यदि आपने एक सप्ताह तक किसी किताब का अध्ययन नहीं किया तो आपकी बातों में वज़न नहीं रह जाता।’ वास्तविकता यही है कि किताबें हमें बहुत कुछ सिखाती हैं और यह मानव जीवन का महत्वपूर्ण हिस्सा है लेकिन वर्तमान समय में स्मार्टफोन और इंटरनेट के कारण हमने किताबों से दूरी बना ली जिसकी वजह से बौद्धिकता का स्तर दिन प्रतिदिन गिरता जा रहा है। इसी लिए किताबों की अहमियत के प्रति लोगों को जागरुक कराने के उद्देश्य से यूनेस्को ने 23 अप्रैल को विश्व पुस्तक दिवस के रुप में मनाने का फैसला किया। 23 अप्रैल 1995 से इसकी शुरुआत हुई। बाद में इसको परिवर्तित करके विश्व पुस्तक एवं कॉपीराइट दिवस कर दिया गया।
23 अप्रैल की महत्त्वपूर्ण घटनाएँ
1990 – नामीबिया सं.रा. संघ का 160वां सदस्य बना।
1996 – चेचेन्या के अलगाववादी नेता दुदायेव का एक हवाई हमले में निधन।
1999 – उत्तरी अटलांटिक संधि संगठन (नाटो) की स्थापना के लिए 50 वर्ष पूरे होने पर वांशिगटन में तीन दिवसीय शिखर सम्मेलन का शुभारम्भ।
2002 – पेइचिंग में भारत तथा चीन के बीच सीमापार आतंकवाद पर वार्ता।
2003 – कुर्द और अरब विवादों को निपटाने के लिए आयोग गठित करने का निर्णय।
2007 – रूस के पूर्व राष्ट्रपति बोरिस निकोलाइएविच ऐल्तसिन का निधन।
2008 – क्षेत्रीय अनुसंधान और विश्लेषण केन्द्र, लखनऊ को केन्द्र सरकार के विज्ञान और प्रौद्योगिकी विभाग ने मान्यता दी। इंडियन फरमर्स फर्टिलाइजर (इफ्को) और मिस्र की सेन्ट्रल एग्रीकल्चर व कोआपरेटिव यूनियन (कांकू) ने सहकारिता के क्षेत्र में नई परियोजनाओं के लिए एक समझौता किया।
अमेरिकी कांग्रेस ने म्यांमार की लोकतंत्र समर्थक नेता आंग सांग सूकी को शीर्ष नागरिक सम्मान अमेरिकी कांग्रेस स्वर्णपदक से सम्मानित करने की घोषणा की।
23 अप्रैल को जन्मे व्यक्ति
1858 – पंडिता रमाबाई – प्रख्यात भारतीय विदुषी महिला और समाज सुधारक।
1889 – जी.पी. श्रीवास्तव – हिन्दी साहित्यकार थे।
1927 – अन्नपूर्णा देवी – सुरबहार वाद्ययंत्र बजाने वाली एकमात्र महिला उस्ताद हैं।
23 अप्रैल को हुए निधन
1857 – बाबू कुंवर सिंह भारतीय स्वतंत्रता के प्रथम संग्राम के सिपाही।
1926 – माधवराव सप्रे – राष्ट्रभाषा हिन्दी के उन्नायक, प्रखर चिंतक, स्वतंत्रता संग्राम सेनानी और सार्वजनिक कार्यों के लिये समर्पित कार्यकर्ता थे।
1973 – धीरेन्द्र वर्मा – हिन्दी और ब्रजभाषा के प्रसिद्ध कवि और लेखक।
1992 – सत्यजित राय निर्देशक, कहानीकार, साहित्यकार।
2013 – शमशाद बेगम – हिन्दी फ़िल्मों की प्रसिद्ध पार्श्वगायिका।