जैसलमेर: टैंकर की टक्कर से मजदूर की मौत, अस्पताल की लापरवाही पर भड़का राजपुरोहित समाज, देर रात हंगामा

जैसलमेर के औद्योगिक क्षेत्र द्वितीय चरण में एक दर्दनाक सड़क हादसे में 35 वर्षीय मजदूर नरपतसिंह राजपुरोहित की मौत हो गई। तेज रफ्तार टैंकर ने साइकिल सवार नरपतसिंह को पीछे से टक्कर मार दी, जिससे वह गंभीर रूप से घायल हो गया। स्थानीय लोगों ने उसे तुरंत राजकीय नाहटा अस्पताल पहुंचाया, लेकिन उपचार के दौरान उसकी मृत्यु हो गई। इस घटना ने नरपतसिंह के परिवार और पूरे राजपुरोहित समाज को गहरा सदमा पहुंचाया है।

नरपतसिंह पुत्र राजूसिंह राजपुरोहित, निवासी जसोल, अपने परिवार का एकमात्र कमाने वाला सदस्य था। वह अपनी पत्नी, एक बेटे और दो बेटियों के साथ जीवनयापन कर रहा था। शनिवार को औद्योगिक क्षेत्र में साइकिल से जा रहे नरपतसिंह को एक तेज रफ्तार टैंकर ने टक्कर मार दी। गंभीर चोटों के कारण उसे तत्काल अस्पताल ले जाया गया, लेकिन वहां समय पर उचित उपचार न मिलने से उसकी जान चली गई। पुलिस ने टैंकर चालक के खिलाफ मामला दर्ज कर जांच शुरू कर दी है, लेकिन चालक मौके से फरार बताया जा रहा है।

अस्पताल पर लापरवाही का आरोप
नरपतसिंह के परिजनों और राजपुरोहित समाज ने अस्पताल प्रशासन पर गंभीर लापरवाही का आरोप लगाया है। उनका कहना है कि प्राथमिक उपचार में देरी और आवश्यक चिकित्सा सुविधाओं की कमी के कारण नरपतसिंह की जान नहीं बचाई जा सकी। परिजनों का दावा है कि यदि समय पर इलाज मिलता, तो इस हादसे को टाला जा सकता था। घटना की सूचना मिलते ही बड़ी संख्या में समाज के लोग अस्पताल की मोर्चरी के बाहर जमा हो गए और प्रशासन के खिलाफ नारेबाजी की।

RLP नेता का धरना, सख्त कार्रवाई की मांग
राष्ट्रीय लोकतांत्रिक पार्टी (RLP) के युवा नेता थान सिंह डोली देर रात अस्पताल पहुंचे और मोर्चरी के बाहर धरने पर बैठ गए। उन्होंने अस्पताल प्रबंधन पर लापरवाही का आरोप लगाते हुए कहा कि यह पहली घटना नहीं है, जब बालोतरा के राजकीय नाहटा अस्पताल की अव्यवस्था ने किसी गरीब परिवार की खुशियां छीनी हों। डोली ने चेतावनी दी कि यदि जिम्मेदार डॉक्टरों और अधिकारियों के खिलाफ तत्काल कार्रवाई नहीं हुई, तो समाज और संगठन मिलकर बड़ा आंदोलन करेंगे।

नेताओं का समर्थन और परिवार का संकट
भाजपा नेता गोविंद सिंह राजपुरोहित, उमेश कुमार सोनी, और कांतिलाल राजपुरोहित भी अस्पताल पहुंचे और परिजनों को सांत्वना दी। उन्होंने परिवार को न्याय दिलाने का आश्वासन दिया। नरपतसिंह की मौत ने उसके परिवार को गहरे आर्थिक और भावनात्मक संकट में डाल दिया है। परिजनों का कहना है कि वह परिवार का एकमात्र सहारा था, और अब उनके सामने आजीविका का संकट खड़ा हो गया है।

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