फीकी दिख रही यमुनोत्री यात्रा की शुरुआत, स्थानीय व्यवसायियों की उम्मीदों पर फिरा पानी

देहरादून। उत्तराखंड के चार धामों में से यमुनोत्री और गंगोत्री धाम के कपाट बीतें 18 अप्रैल को खुल चुके हैं। श्रद्धालुओं की व्यवस्था के लिए प्रशासन से लेकर स्थानीय होटल व्यवसायियों और यात्रा पर निर्भर रहने वाले बेरोजगारों ने भी पूरी तैयारी की हुई है। लेकिन इन सभी के हाथ निराशा ही लगी है। क्योंकि कपाट खुलने के छह दिन बाद भी यात्रा परवान नहीं चढ़ पाई है।यमुनोत्री धाम

विश्व प्रसिद्ध चारधाम यात्रा में श्रद्धालु सबसे पहले यमुनोत्री धाम से यात्रा की शुरुआत करता है। इसके कारण यात्रियों की सुविधा के लिए प्रशासन की ओर से व्यवस्थाएं भी चाक चौबन्द की गई हैं। लेकिन कपाट खुलने के छह दिन बाद भी यमुनोत्री धाम में यात्रा अभी फीकी ही नज़र आ रही है।

इसका सबसे बड़ा कारण यमुनोत्री-गंगोत्री और बद्रीनाथ-केदारनाथ धाम के कपाट खुलने में पूरे 11 दिन का अंतराल माना जा रहा है। इससे अभी स्थानीय लोग मायूस ही दिख रहे हैं।

यमुनोत्री धाम में अभी 400 से 500 श्रद्धालु ही प्रतिदिन के औसत से पहुंच रहे हैं, जिसे अच्छी शुरुआत नहीं कहा जा सकता है। छह दिनों की यात्रा में अब तक महज़ 2,868 यात्री ही धाम में पहुंचे हैं।

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होटल व्यवसाई बता रहे हैं कि इस महीने उनके पास यात्रा की ख़ास बुकिंग नहीं है। हालांकि मई और जून की उनके पास अडवांस बुकिंग जरुर हैं।

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बता दें बदरी-केदारधाम के कपाट खुलने में महज़ पांच दिन का समय बाकी रह गया है। इस वजह से इस माह के अंत तक यात्रा बढ़ने की पूरी उम्मीद है।

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