सीजेएम अदालत ने जारी किया कैबिनेट मंत्री सहित छह लोगों के खिलाफ गैर-जमानती वारंट

देहरादून। कैबिनेट मंत्री हरक सिंह रावत और छह लोगों के ख़िलाफ़ सीजेएम अदालत ने ग़ैर ज़मानती वारंट जारी किया है। अदालत ने देहरादून के एसएसपी को सख्त निर्देष देते हुए कहा कि इन लोगो का 4 मई को पेश होना अनिवार्य हैं।

हरक सिंह रावत

दरअसल, कैबिनेट मंत्री हरक सिंह रावत, यशपाल आर्य व सुबोध उनियाल ने कांग्रेस में रहते हुए बीस दिसंबर 2009 को पार्टी कार्यकर्ताओं के साथ विधानसभा का घेराव किया था। तब राज्य में भाजपा की सरकार थी। सभी को रिस्पना पुल पर रोक लिया।

यह भी पढ़े: महंत रामानंद ने लगाया अपने सहयोगियों पर आरोप, कहा- संपत्ति हड़पने के लिए बनाया बंधक

पुलिस ने कांग्रेसी कार्यकर्ताओं पर सत्र के दौरान शन्ति व्यवस्था भंग करने और पुलिस से धक्कामुक्की करने के आरोप में 25 नेताओं, कार्यकर्ताओं पर मुकदमा दर्ज किया गया था। इस पर साल 2013 से सुनवाई चल रही है। अदालत ने सभी को कोर्ट में पेश होने के लिए ज़मानती वारंट जारी किए थे जिसका आज आखिरी दिन था। कैबिनेट मंत्री सुबोध उनियाल और कुंवर प्रणव चैम्पियन पहले ही ज़मानत ले चुके थे।

यह भी पढ़े: सूबे में नोटबंदी जैसे हालात, खाली हुए ATM, बैंक दे रहे…

बीते सात अप्रैल को अदालत ने सभी आरोपितों के खिलाफ जमानती वारंट जारी कर 20 अप्रैल को अदालत में पेश होने का आदेश दिया था, इसके बाद भी कैबिनेट मंत्री हरक सिंह रावत, कांग्रेस के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष किशोर उपाध्याय, संग्राम सिंह पुंडीर, विनोद रावत, शंकर चंद रमोला व शिवेश बहुगुणा अदालत में पेश नहीं हुए। अदालत ने कहा कि मामला वर्ष 2010 से लंबित है। जमानती वारंट और समन जारी होने के बाद भी आरोपित अदालत में पेश नहीं हो रहे हैं।

LIVE TV