उत्तराखंड: अस्पताल में फर्श पर बच्ची को जन्म दिया, नर्स का तंज- ‘मजा आया? और बचा पैदा करेगी?’

हरिद्वार के महिला अस्पताल में मंगलवार रात एक गर्भवती महिला को भर्ती न करने और चिकित्सा सहायता न देने के कारण फर्श पर ही बच्चे को जन्म देना पड़ा। गरीब परिवार की इस महिला के दर्द की दास्तान ने पूरे इलाके को हिलाकर रख दिया। प्रसव के बाद एक नर्स ने कथित तौर पर व्यंग्यात्मक अंदाज में कहा, “मजा आया? और बचा पैदा करेगी?” इस घटना का वीडियो वायरल हो गया है, जिसमें महिला दर्द से कराहती नजर आ रही है, जबकि आसपास कोई स्टाफ नहीं दिख रहा।

परिवार के सदस्यों के मुताबिक, मंगलवार रात करीब 9:30 बजे महिला को अस्पताल लाया गया था। ड्यूटी पर मौजूद डॉक्टर ने कथित रूप से भर्ती से इनकार कर दिया, यह कहते हुए कि यहां प्रसव नहीं कराया जाएगा। दर्द से तड़पती महिला को फर्श पर ही छोड़ दिया गया। करीब चार घंटे की मशक्कत के बाद रात 1:30 बजे उसने अस्पताल के इमरजेंसी रूम के फर्श पर ही बच्चे को जन्म दिया। कोई चिकित्सकीय मदद न मिलने के कारण प्रसव सार्वजनिक नजरों में हो गया, जहां एक बुजुर्ग रिश्तेदार ने पीछे से उसे सहारा दिया।

बुधवार सुबह पहुंचे परिवार की एक सदस्य सोनी ने पत्रकारों को घटना का जिक्र करते हुए बताया कि जब वे अस्पताल पहुंचे, तो महिला और उसके साथ आई रिश्तेदार ने कहा कि किसी ने उसे बिस्तर पर लेटने तक नहीं दिया। सोनी ने नर्सों के व्यवहार पर गुस्सा जाहिर करते हुए कहा, “प्रसव के बाद वहां खड़ी दो नर्सों में से एक ने तंज कसा, ‘मजा आया? और बचा पैदा करेगी?’ कौन ऐसी बातें करता है? अगर बच्चे को कुछ हो जाता, तो जिम्मेदारी कौन लेता? प्रसव फर्श पर ही हुआ। हम मांग करते हैं कि किसी मरीज के साथ ऐसा सलूक न हो। लोग यहां दुख लेकर आते हैं, खुशी मनाने नहीं।”

वीडियो में महिला दर्द से चीख रही है और फर्श पर पड़ी हुई दिख रही है, जबकि कोई अस्पताल कर्मचारी सहायता करते नजर नहीं आ रहा। इस घटना ने स्वास्थ्य सेवाओं की लापरवाही पर सवाल खड़े कर दिए हैं।

मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ. आरके सिंह ने बताया कि उन्होंने महिला अस्पताल से प्रारंभिक रिपोर्ट ले ली है और विस्तृत लिखित रिपोर्ट का इंतजार कर रहे हैं। शुराती जानकारी के अनुसार, महिला को रात 9:30 बजे लाया गया और इमरजेंसी रूम में ही प्रसव हो गया। वीडियो की प्रामाणिकता की जांच की जा रही है। डॉ. सिंह ने कहा, “यदि लापरवाही की पुष्टि हुई, तो सख्त कार्रवाई की जाएगी।”

सीएमओ ने पुष्टि की कि नाइट ड्यूटी पर तैनात संविदा डॉक्टर सोनाली को तत्काल सेवा से बर्खास्त कर दिया गया है। साथ ही, दो नर्सों को घटना में उनकी भूमिका के लिए आधिकारिक नोटिस जारी किए गए हैं। आपातकालीन स्थिति में महिला को भर्ती न करने के कारणों की गहन जांच जारी है, ताकि दोषियों पर कड़ी कार्रवाई हो सके। यह घटना उत्तराखंड में स्वास्थ्य सुविधाओं की बदहाली को उजागर करती है।

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