अखाड़ा परिषद ने जारी की फर्जी बाबाओं की दूसरी लिस्ट

अखाड़ा परिषदइलाहाबाद। डेरा सच्चा सौदा के मुखिया संत राम रहीम और ‘ड्रामा क्वीन’ राधे मां सहित तमाम बाबाओं को फर्जी घोषित करने वाले अखिल भारतीय अखाडा परिषद् ने आज दूसरी सूची जारी की है। इसमें तीन फर्जी बाबा का नाम घोषित करते हुए इन बाबाओं का सामाजिक बहिष्कार करने की अपील की है।

बता दें आज 13 अखाड़ों के प्रतिनिधियों की इस बैठक में तीन बाबा को सर्वसम्मति से फर्जी घोषित किया गया। कुल 13 अखाड़ों के प्रतिनिधियों की  बैठक में पारित सात प्रस्ताव में छठवां प्रस्ताव फर्जी संतों से संबंधित है।

इस सूची में पहले नंबर पर बस्ती के स्वामी सचिदानंद सरस्वती है और दूसरा नाम दिल्ली के ढोंगी बाबा वीरेंद्र देव दीक्षित का है जिन पर अध्यात्मिक विश्वविद्यालय के आड़ में महिलाओ के यौनशोषण का आरोप लगा है।

वहीँ तीसरे नंबर पर परी अखाड़े इलाहाबाद की त्रिकाल भवंता। भवंता खुद को पीठाधीश्वर बताती हैं।

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अखाड़ा परिषद का मानना है कि कथावाचकों को संत नहीं कहा जाना चाहिए। कथावाचक सिर्फ कथावाचक है। ऐसे लोग जो किसी परंपरा से जुड़े नहीं हैं, वे संत नहीं हो सकते हैं। ऐसे लोग मनमुखी संत हैं, भीड़ बटोरने से कोई संत नहीं हो जाता है।

इसके पहले अखिल भारतीय अखाडा परिषद् ने 10 सितम्बर को परिषद देश के 14 बाबाओं को फर्जी घोषित करने वाली लिस्ट जारी कर चुकी है।

इसमें आशाराम बापू, निर्मल बाबा, राधे मां, सचिन दत्ता, गुरमीत सिंह, ओम बाबा, इच्छाधारी भीमा नन्द, ओम नम: शिवाय बाबा, स्वामी असीमांनंद, नारायण साईं, रामपाल, आचार्य कुश्मुनी, मलखान गिरी और ब्रहस्पति गिरी शामिल हैं.

मीडिया करें ढोंगी बाबाओं का बहिष्कार

अखिल अखाडा परिषद् के अध्यक्ष स्वामी नरेंद्र गिरी का कहना है कि अब तो मीडिया को भी ऐसे बाबाओं का बहिष्कार करना चाहिए जो समाज को गलत दिशा देकर अपना लाभ उठा रहे हैं। अखाड़ा परिषद् की इस बैठक में कुम्भ मेला से सम्बंधित तमात मुद्दों पर चर्चा की गयी।

बैठक में कुंभ मेले से संबंधित मुद्दों पर चर्चा करते हुए राज्य सरकार से पर्याप्त सम्मान व सुविधाओं की मांग की गई। ज्योतिषपीठ के पीठाधीश्वर विवाद से भी परिषद ने यह कहते हुए पल्ला झाड़ लिया है कि मामला न्यायालय में है। परिषद अध्यक्ष ने कहा कि वह सभी संतों का सम्मान करते हैं। रविवार को परिषद से जुड़े संत व पदाधिकारी स्वामी वासुदेवानंद के माघमेला क्षेत्र में पहुंचने के समय उनके साथ रहेंगे।

बैठक में कुम्भ विकास प्राधिकरण में अखाड़ो को शामिल न किये जाने पर नाराजगी जाहिर की गई है। इस बैठक में यह बात भी प्रस्ताव के जरिये सामने आई है की सरकार भी इस मामले में अगुवाई करे और इसके लिए खुद केंद्र सरकार एक कानून बनाये। बैठक में मीडिया से भी यह अपील की गई की वह साधू संतो को पैनेल डिस्कसन में बैठाने के पहले उनकी जानकारी कर ले तभी उनके नाम के आगे पदाधिकारियों का ब्यौरा लिखे।

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बता दें अध्यक्ष नरेंद्र गिरि ने इससे पहले द्वारिका पीठाधीश्वर स्वामी स्वरूपानंद सरस्वती को उचित सुविधाएं नहीं मिलने पर नाराजगी जताई थी।

मुख्यमंत्री और प्रधानमंत्री को भेजी जाएगी सूची

परिषद की ओर से जारी नई सूची को भी मुख्यमंत्री और प्रधानमंत्री को भेजा जाएगा ताकि उन पर कार्रवाई करते हुए उन्हें समाज से बहिष्कृत किया जा सके। ऐसे लोगों को परिषद आगे भी चिन्हित करता रहेगा।

पहली संत फर्जी बाबाओं की सूची में शामिल

पहली बार किसी महिला संत को फर्जी बाबाओं की सूची में शामिल किया गया है। महिला संत त्रिकाल भवंता जो खुद को देश के पहले कथित महिला अखाड़े परी अखाड़े का महामंडलेश्वर बताती है उन्हें फर्जी घोषित किया गया है।

देश में फर्जी ढोंगी बाबाओ के सामने आने का सिलसिला न थमने के बाद अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद ने आज फिर फर्जी बाबाओं के खिलाफ एक और बड़ी कार्यवाही की है।

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वहीँ अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष महंत नरेंद्र गिरि का मानना है कि वीरेंद्र देव दीक्षित सहित ऐसे तमाम लोग धर्म और समाज की पवित्रता को धूमिल करने में जुटे हैं। ऐसे बाबाओं का सनातन धर्म और संत समाज से कोई लेना देना नहीं है।

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