
नई दिल्ली। वित्त मंत्री अरुण जेटली द्वारा 1 फरवरी 2018 को पेश होने वाला चौथा पूर्णकालिक बजट बेहद ही खास होगा। इस बार का बजट सुबह 11 बजे पेश किया जाएगा।जैसे की आप को मालूम है कि कई सालों से बजट सुबह 11 बजे ही पेश किया जाता है लेकिन क्या आप जानते हैं कि कुछ साल पहले शाम पांच बजे बजट पेश किया जाता था। पांच बजे बजट पेश करने के पीछे भी एक खास वजह थी।
साल 1927 से अंग्रेज अधिकारियों ने भी भारतीय संसद में बैठना शुरु कर दिया था। जब पूर्व प्रधानमंत्री चंद्रशेखर से किसी ने पूछा कि आखिर देश का बजट शाम को पांच बजे क्यों आता है जबकि संसद तो 10 बजे से चलने लगती है।
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इसका जवाब देते हुए उन्होंने कहा था कि यह अंग्रेजों के जमाने का नियम है। जब भारत में शाम के पांच बजते हैं तो लंदन में सुबह के साढ़े ग्यारह बज रहे होते हैं।लंदन के हाउस ऑफ कॉमन्स और हाउस ऑफ लॉर्डस में बैठे सांसदों को भारत का भाषण सुनना होता था इसलिए भारत का बजट शाम को पांच बजे पेश होता था।
शाम को बजट पेश किए जाने की परिपाटी एनडीए सरकार ने बदली। देश में संविधान लागू होने के 50 साल बाद एनडीए (NDA) सरकार ने इस परंपरा को तोड़ा। साल 2001 से देश के वित्त मंत्री केंद्रीय बजट को दिन के 11 बजे पेश करने लगे। यशवंत सिन्हा देश के पहले वित्त मंत्री थे जिन्होंने दिन के 11 बजे केंद्रीय बजट पेश किया था।