नदवी के मुरीद हुए सुब्रमन्यम स्वामी, ओवैसी और महबूबा पर बरसे

सुब्रमन्यम स्वामीनई दिल्ली: अयोध्या में राम मंदिर निर्माण, सीमा पर पाकिस्तानी गतिविधि, देश के जातिगत समीकरण और सुब्रमण्यम स्वामी जैसे राजनेताओं के बयान,ये कुछ ऐसे मुद्दे हैं जिनको लेकर माहौल गरम रहता है. बीजेपी के फायर ब्रांड नेता डा. सुब्रमण्यम स्वामी भी अपने बयानों से लगातार सुर्ख़ियों में बने रहते हैं. अयोध्या मामले की सुलह को लेकर मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड के अध्यक्ष सलमान नदवी और श्री श्री रविशंकर के बीच हुई मुलाकात पर सियासत का रंग चढ़ना शुरू हो चुका है.

राम मंदिर निर्माण की वकालत करने वाले मौलाना सलमान नदवी को भारतीय जनता पार्टी की तरफ से भी समर्थन मिलने लगा है. बीजेपी के राज्यसभा सांसद सुब्रह्मण्यम स्वामी ने नदवी को विद्वान और समझदार व्यक्ति करार दिया है.

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अपने बयान में मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड पर सवाल उठाते हुए कहा कि ऐसा लगता है कि मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड एक दुकान की तरह चल रहा है.

हालाँकि नदवी द्वारा राम मंदिर निर्माण पर फार्मूले वाला बयान सार्वजनिक होने के बाद ही उनका ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड से पत्ता कट गया है.

नदवी की तारीफ में कसीदे पढ़ते हुए सुब्रमण्यम स्वामी यहीं नही रुके उन्होंने मुस्लिम समाज की आलोचना झेल रहे मौलाना नदवी की तारीफ करते हुए कहा कि वो एक विद्वान् व्यक्ति हैं और देश के 80 प्रतिशत लोगों का समर्थन उनको मिल रहा है. उनके खिलाफ एक्शन के लिए AIMPLB की आलोचना करते हुए स्वामी कहा कि क्योंकि उन्होंने राम मंदिर बनने की पैरवी की इसलिए उन्हें बाहर का रास्ता दिखा दिया गया.

मौलाना नदवी की तारीफ करते हुए स्वामी ने कहा कि एक बार मैंने सैयद शहाबुद्दीन से बात की थी कि क्या विदेशों में जरूरत पड़ने पर मस्जिदों को शिफ्ट किया जाता है तो इसके जवाब में सैयद शहाबुद्दीन ने कहा था कि अगर इस पर कोर्ट फैसला दे दे या फिर सलमान नदवी कह दें तो वह मान लेंगे. कट्टर मुस्लिम व्यक्ति द्वारा नदवी की बात मानने को लेकर स्वामी ने कहा कि उनकी काबिलियत और नेकदिली का अंदाजा लगाया जा सकता है.

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आपको बता दें ओवैसी ने मौलाना सलमान नदवी के इस बयान को राजनीति से प्रेरित करार दिया है और साथ ही उनके सामाजिक बहिष्कार की वकालत की थी. स्वामी ने ओवैसी को अपने ऐसे बयानों के के लिए माफी मांगने की सलाह दी है.

सुब्रमन्यम स्वामी अपनी बेबाक राय रखने के लिए जाने जाते हैं और उसी का परिचय देते हुए जब नदवी को अपने कौम के लोगों द्वारा घेरा गया तो स्वामी उनके साथ खड़े नजर आये.

अपने वार्तालाप में स्वामी ने महबूबा मुफ़्ती को कश्मीर में बढ़ रही आतंकी घटनाओं से बद्तर होती कानून व्यवस्था पर खरी खरी सुनाई. स्वामी ने कहा कि कश्मीर की मुफ़्ती सरकार पाकिस्तान के सामने सरेंडर कर चुकी है.

स्वामी ने अयोध्या में राम मंदिर निर्माण पर भी बीजेपी की चुप्पी को रणनीति का हिस्सा बताते हुए कहा कि दीवाली तक सरकार अयोध्या में राम मन्दिर बना कर जनता को तोहफा देने के लिए प्रयासरत है तब तक शायद सुप्रीम कोर्ट का फैसला भी आ जायेगा.

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