… तो इसलिए बढ़ रही है युवाओं में गर्दन की यह समस्या, रहें सावधान

मोबाइल बस एक शब्द नहीं है। एक ऐसी बीमारी है जो हर किसी को बहुत ही तेजी से अपना शिकार बना रही है। आज इंसान सब कुछ कर सकता है लेकिन अपना मोबाइल नहीं छोड़ सकता है। मोबाइल की आदात इतनी बुरी लगी है कि 3 घंटे मोबाइल पर समय बिताता है। मोबाइल के आगे उसे कुछ और दिखाई ही नहीं देता है। मोबाइल के ज्यादा इस्तेमाल से ‘टेक्स्ट नेक’ सिंड्रोम तेजी से फैल रहा है। आइये जानते हैं इस बीमारी के बारे में।

टेक्स्ट नेक सिंड्रोम

टेक्स्ट नेक सिंड्रोम

फोन के इस्तेमाल ने जितना हमारी जिंदगी को आसान बनाया है उतना ही हमारी जिंदगी को मुश्किल भी बना दिया है। ये फोन ही है जो कई स्वास्थ्य समस्याओं को जन्म देता है। जैसे की गर्दन में दर्द,पीठ में दर्द आदि। मोबाइल फोन के इस्तेमाल से ज्यादातर पीठ और गर्दन झुके हुए पोस्चर में रहती है। जिस वजह से गर्दन में तेज दर्द होता है। अगर यह दर्द लंबे समय तक रहे तो इसे टेक्स्ट नेक सिंड्रोम कह कर पुकारते हैं।

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क्यों होती है समस्या

कई बार अपनी गलत आदतों की वजह से हम कुछ ऐसी स्वास्थ्य समस्याओं का शिकार हो जाते हैं, जिनके बारे में कभी सुना तक नहीं होता है। डिजिटल उपकरणों पर काम करते समय आमतौर पर गर्दन नीचे की तरफ और रीढ़ या पीठ आगे की तरफ झुकी होती है। ऐसा माना जाता है कि गर्दन का ज़रा भी झुकना गर्दन और कंधों की मांसपेशियों व लिगामेंट्स पर काफी दबाव डालता है, जिससे कई तरह की समस्याएं होने की आशंका रहती है।

टेक्स्ट नेक सिंड्रोम

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बचाव

ज्याद देर किसी भी डिजिटल उपकरण का इस्तेमाल न करें। हमेशा ब्रेक लेकर काम करें।

जब भी मोबाइल फोन का इस्तेमाल कर रहे हो तो आंखों से कुछ दूरी बनाकर ही रखें। ऐसा करने से आंखों पर ज्यादा प्रभाव नहीं पड़ेगा।

नियमित तौर पर व्यायाम करते रहें, विशेषकर गर्दन से जुड़े व्यायाम इस समस्या का समाधान कर सकते हैं।

जीवनशैली में कुछ बदलाव कर टेक्स्ट नेक सिंड्रोम से बचा जा सकता है।

अपने घर मे बच्चों को इस बारे में उचित जानकारी दें। उनको जितना हो सके बाहर खेलने की ओर प्रेरित करें। जिससे वह ऑनलाइन गेम्स या सोशल मीडिया से दूर हो सके।

 

 

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